नयी दिल्ली, 12 जनवरी, आजाद भारत के इतिहास में पहली बार उच्चतम न्यायालय के चार मौजूदा न्यायाधीशों ने आज अपना कामकाज छोड़कर आनन-फानन में प्रेस कांफ्रेंस बुलाई और देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) की कार्यशैली पर सवाल खड़े किये। शीर्ष अदालत के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्ती चेलमेश्वर के तुगलक रोड स्थित आवास पर बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में चारों न्यायाधीशों ने सर्वोच्च अदालत की कार्यप्रणाली में प्रशासनिक व्यवस्थाओं का पालन नहीं किये जाने और सुनवाई के लिए महत्वपूर्ण मुकदमों के आवंटन में मनमाना रवैया अपनाने का आरोप लगाया। इस प्रेस कांफ्रेंस में न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के साथ न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ भी उपस्थित थे। ये सभी न्यायाधीश मामलों की सुनवाई बीच में ही छोड़कर अदालत कक्ष से बाहर आ गये थे और इन्होंने मीडिया के माध्यम से देश के समक्ष स्थिति रखने की योजना बनायी। मीडिया को मुख्य रूप से न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने संबोधित किया और न्यायमूर्ति गोगोई ने भी बीच में टिप्पणी की। इन न्यायाधीशों ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का प्रशासन ठीक तरह से काम नहीं कर रहा है और यदि इस संस्था को ठीक नहीं किया गया, तो लोकतंत्र खत्म हो जायेगा।
शनिवार, 13 जनवरी 2018
4 जजों ने बुलाई प्रेस कांफ्रेंस, सीजेआई पर उठाई उंगली
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