आर्यावर्त डेस्क, प्रतिनिधि, जमशेदपुर, 30 मार्च 2018, झारखण्ड की औधोगिक नगरी जमशेदपुर की परिधि में आजादी के 70 साल बाद भी कई इलाके ऐसे हैं जहाँ लोगों को बिजली पानी आज भी नसीब नहीं है. पूर्वी सिंहभूम ज़िलांतर्गत जमशेदपुर की परिधि में स्थित राजकीय विद्द्यालय, सलगाझूड़ी के इस स्कूल में सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है. स्कूल में बच्चों को मोमबत्ती से पढ़ाया जाता है. स्कूल में न ही बिजली है और न पानी। शौचालय नाम की कोई चीज भी नहीं है. स्कूल के बच्चों को जरुरत के समय खुले मैदान का इस्तेमाल करना पड़ता है।पानी के लिए बच्चों को एक किलोमीटर सफर तय करना पड़ता है. 150 बच्चों वाले इस स्कूल में बच्चे मूलभूत सुविधाओं के बिना ही आसमां छूने की चाहत रखते हैं. कार्यरत शिक्षिकाओं ने लाइव आर्यावर्त.कॉम को बताया कि सरकार और जिला प्रशासन से कई बार अनुरोध किया गया लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुयी है.सरकारी आंकड़ा पूर्वी सिंहभूम जिला के सभी स्कूलों में शत प्रतिशत शौचालय,पानी और बिजली की सुविधा होने का दावा करता है लेकिन जमशेदपुर जैसे आधुनिक शहर के नजदीक होते हुए भी सलगाझुंडी का यह विद्द्यालय जिला प्रशासन और सरकार के सारे दावा को गलत साबित करने का जीता जागता उदहारण है.मजे की बात तो यह भी कि पूर्वी सिंहभूम जिला को स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच मुक्त जिला को अवार्ड भी मिल चुका है . स्थानीय निवासी व झारखंड मुक्ति मोर्चा से जुड़े युगल किशोर मुखी ने बताया कि पिछले 35 वर्षों से यह विद्द्यालय बिजली पानी और शौचालय को मोहताज है .जर्जर भवन की वजह से बच्चों को बरामदे में पढ़ाया जाता है. गांव के मुखिया रामकृपाल राय ने कहा कि शिक्षा विभाग और उपायुक्त को पत्र के माध्यम से वस्तुस्थिति से अवगत करवाया गया है ,अब उनकी पहल का इंतजार है !
शुक्रवार, 30 मार्च 2018
झारखण्ड : मोमबत्ती से आसमां छूने की चाहत,सुविधा विहीन सरकारी विद्द्यालय
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