- -कार्यपालक सहायकों का हड़ताल चौथे दिन भी जारी
- -प्रधान सचिव एवं डीएम द्वारा हटाने जाने का निर्गत पत्र को जलाकर किया विरोध प्रदर्शन
- -हड़ताल पर जाने से सभी विभागों में कम्प्यूटर संबंधित कामकाज ठप
मधुबनी। आज दिनांक 29.03.18 को कार्यपालक सहायक संघ इकाई मधुबनी के सदस्यों ने अपने सात सूत्री मांगों के समर्थन में राज्यव्यापी हड़ताल का चौंथे दिन भी जारी रहा। सरकार की गलत मंशा एवं गलत नीति के विरोध में गुरुवार को शहर में विरोध मार्च निकाला। प्रधान सचिव सामान्य प्रशासन विभाग सह बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन एवं डीएम द्वारा हड़ताली कार्यपालक सहायक को 48 घंटे में काम पर वापस लौटने एवं नहीं आने पर संविदा मुक्त करने से संबंधित धमकी भरा पत्र को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। वक्ताओं ने कहा कि मांगे पूरी नहीं होने तक बेमियादी हड़ताल जारी रहेगा। विभाग की धमकी से संघ डरने वाला नहीं है। समाहरणालय के समक्ष अम्बेदकर प्रतिमा परिसर में जिले के सभी कार्यपालक सहायकों ने सेवा स्थायी एवं वेतनमान, समायोजन, मानदेय विषमता, हटाये गये कार्यपालक सहायक को वरीयता के आधार पर पुनर्नियोजन एवं अनुभव की मान्यता सहित सात सूत्री मांगों के साथ सरकार द्वारा कार्यपालक सहायकों को तुष्टिकरण रवैया रखने के कार्यपालक सहायकों धरना प्रदर्शन किया।
जिला अध्यक्ष उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि जिला पदाधिकारी द्वारा संविदा मुक्त पत्र के माध्यम से कहा गया कि कार्यपालक सहायकों के हड़ताल पर रहने के कारण कार्यालय कार्य पूर्णतः ठप हो गया है। आम जनों को काफी परेशानी हो रही है। स्पष्ट है, कि कार्यपालक सहायक के कार्यो का ही परिणाम है, कि आज हमारी हड़ताल से सरकार का महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो गया है। इस संबंध में बताया गया कि पूर्व में कई बार संघ के माध्यम से हम अपने मांगों के लिए सरकार से अनुरोध कर चुके है, 19 फरवरी को विवश होकर कार्यपालक सहायकों ने हडताल करने का निर्णय लिया था। जिसे आम जन के कठिनाई एवं बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन के आश्वसन पर हमलोगों ने हड़ताल वापस ले लिया। इस बार दिनांक 15 मार्च को शाषी परिषद के बैठक में मानदेय विषमता के संबंध में बिहार प्रशासनिक मिशन के तीन पदों में सिर्फ कार्यपालक सहायक के परीक्षा का प्रस्ताव रखा गया। बांकि दो पद (आई मैनेजर एवं आईटी सहायक) को बिना परीक्षा लिए मानदेय बढ़ोतरी की गयी, जो कि बीपीएसएम पदाधिकारी के गलत मंशा को दृष्टिगत करता है एवं कार्यपालक सहायकों को बार-बार ठगने का प्रयास किया जा रहा है। इस निर्णय से मधुबनी जिला सहित पूरे बिहार में कार्यपालक सहायकों में आक्रोश व्याप्त है और जब तक हमारी मांगों को सरकार नहीं मानती है, तो हड़ताल में रहते हुए आंदोलन को और भी तेज किया जाएगा।
बिहार राज्य अरापत्रित कर्मचारी महासंघ, मधुबनी के जिला मंत्री गणपत झा एवं सहायक जिला मंत्री रमण प्रसाद सिंह ने कहा कि आम जन एवं सरकार के लिए दिन रात एक कर काम रहे कार्यपालक सहायक का शौक नहीं कि इतनी तेज धूप में धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन करे। सरकार के तानाशाही के कारण आज सभी सड़क पर आने को विवश है। श्री झा ने कहा कि कार्यपालक सहायक स्नातक है, कम्प्यूटर की दक्षता रखते है। कार्यालय अबधि में लगातार इनसे कार्यालय समय से देर रात तक तक काम कराया जाता है, ऐसी परिस्थिति में मानदेय वृद्धि में परीक्षा का कोई औचित्य ही नहीं बनता है। कार्यपालक सहायक का मानदेय 11000 दिया जाता है, जिसमें बढ़ती महंगाई के दौर में कार्यपालक मूल भूत आवश्यकताओं की पूर्ति करना भी दूर्लभ हो गया है। सरकार के संपूर्ण महत्वकांक्षी योजना जैसे - लोक सेवाओं का अधिकार, लोक शिकायत निवारण, स्वच्छ भारत मिशन, आवास योजना, बिजली, मनरेगा, आपूर्ति, बाल विकास परियोजना, कृषि, रजिस्ट्री, थाना सहित जिला से प्रखंड तक कार्यालय सभी कार्य प्रभावित है। यदि सरकार हमारी सेवा स्थायीकरण एवं मानदेय विषमता सहित सात सूत्री मांगों को नहीं मानती है तो मधुबनी सहित पूरे बिहार में आंदोलन को और भी तेज किया जाएगा।
विरोध प्रदर्शन एवं धरना स्थल पर संजीत कुमार, सत्यजीत ठाकुर, राजन ठाकुर, पारस ठाकुर, नीरज कुमार, अखिलेश कुमार, फकीर कुमार मंडल, राम उदगार राम, जय प्रकाश यादव, नरेन्द्र झा, सचिन कुमार, मनीषा कुमारी, प्रीति कुमारी, ममता कुमारी, निशा कुमारी, स्नेहा कुमारी, नूतन कुमारी, अजीत कुमार मंडल, बौआजी पासवान, मो0 मजहर खाॅ, राजीव कुमार झा, ललन चैरसिया, अनिल अंसुमन, सुमन कुमार, गोपाल चंद्र शशि, सचिन कुमार, कमलेश रंजन, बब्लू ठाकुर, प्रदीप कुमार राय, सुशांत कुमार, अनिल कुमार, विक्रम कुमार, अजीत कुमार, अजय कुमार, राकेश कुमार मौजूद थे।
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