मधुबनी । मिथिला ने अपने ही रत्नों की उपेक्षा की है। मिथिला के पुत्र स्नेहलता को आज भोजपुर से अवध तक के लोगों के कंठों में बसे हुए हैं, लेकिन अपने इलाके के लोगों ने ही उन्हें भूला दिया। यह बात आज जेएन कॉलेज में क्लब मधुबनी की ओर से आयोजित संगोष्ठि में प्रसिद्ध पत्रकार निराला बिदेसिया ने कही। स्नेहलता के गीत भोजपुर और अवध में भी गाये जाते हैं। निराला ने स्नेहलता के कई गीतों की चर्चा करते हुए कहा कि रामकथा कि अधिकतर गीत जो इन इलाकों में गायी जाती हैं वो स्नेहलता की लिखी हुई हैं। दहेज और बाल विवाह पर स्नेहलता ने जो लिखा है वो आज भी समाज को झकझोर रहा है। उन्होंने कहा कि विद्यापति मिथिला के महान कवि रहे हैं, लेकिन आज केवल उनकी ही बातें हो रही है, जबकि इस इलाके से कई ऐसे कवि हुए जिनकी रचनाएं अन्य इलाकों में भी लोग गाते हैं।
बुधवार, 28 मार्च 2018
स्नेह लता को मिथिला ने दी उपेक्षांजलि : निराला
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