- करीब चार लाख रू.का कर्ज माथे पर छह में तीन बालक हैं और तीन की शादी हुई है
चण्डी.एक साल से सुरेंद्र मांझी की पत्नी फूल कुमारी देवी बीमार हैं.वह जानलेवा कैंसर रोग से पीड़ित है. रात में घर में और दिन में भगवानपुर रोड के किनारे मइया-मइया करके विलाप करती हैं.उसकी दास्तान को देखकर किसी राहगीर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास सचित्र मेल 7 मार्च, 2018 की रात 10:40 मिनट पर प्रेषित किया.सीएम कार्यालय ने 8 मार्च, 2018 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दिन के उजाले मेंं 1:42 मिनट पर मेल health health-bih@nic.in ANUPAM KUMAR SUMAN cmrf-bih@gov.in को प्रेषित किया.किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने पर 12 मार्च,2018 की सुबह 5 बजे दम तोड़ दी. नालंदा जिले के चण्डी प्रखंड में स्थित है भगवानपुर पंचायत.इस पंचायत के वार्ड नम्बर- 2 में भगवानपुर मुसहरी.वार्ड नम्बर-2 के वार्ड सदस्य हैं धुरी मांझी.अपने बिरादरी की दु:ख दर्द व समस्याओं को प्रशासन के समक्ष उठाने में अक्षम हैं वार्ड सदस्य.करीब एक साल से कैंसर रोग से पीड़ित फूल कुमारी देवी को मुख्यमंत्री सहायता कोष से जानलेवा कैंसर रोग का चिकित्सा नहीं करा सका. हां,उन्होंने यह जरूर आश्वासन दिया कि कबीर अंत्येष्ठि योजना से मिलने वाली राशि 1500 रू. दिलवाने का प्रयास करेंगे. खुद पंचायत के मुखिया से मिलकर बात करेंगे ताकि राशि मिल सकें.
यह दास्तान सुशासन बाबू के गृह क्षेत्र नालंदा की है. महादलित मुसहर समुदाय की गरीब महिला जानलेवा कैंसर रोग से पीड़ित थीं. फूल पति देवी नामक रोगी कराह रही थीं. फिलवक्त परिजन 1 लाख जमापूंजी और 2 लाख रू.खर्च कर दिये. कहीं से आशा नहीं दिख पाने से निराश होकर परिजन हाथ खड़ा कर दिये हैं. बता दें कि भगवानपुर रोड से गुजरकर थरथरी गांव तक जाने वाली के किनारे भगवानपुर मुसहरी अवस्थित हैं.यहां करीब 300 घर है और जनसंख्या 1580.यहां से 80 प्रतिशत मुसहर उत्तर प्रदेश में ईट भट्टे में काम करने चले जाते हैं. इसमें फूल पति देवी भी थीं.अस्वस्थ होने के कारण भट्टा पर नहीं गयीं.योनि से रक्त स्त्राव होने लगा.वह सामान्य रक्त स्त्राव समझकर चुप रहीं. इस संदर्भ में सुरेंद्र मांझी, तारा मांझी,वकील मांझी,सलीता देवी और प्रमिला देवी नामक 5 बच्चों की मां और पीड़िता की सासू मां फूलकुरी देवी ने कहा कि पुत्रवधु की योनि से यकायक अधिकाधिक रक्त स्त्राव होने लगा.इससे परिजन चिंतित हो गये.तब जाकर मेन रोड पर स्थित लोकल चिकित्सक से दिखाया गया.उक्त चिकित्सक ने रक्त स्त्राव रोकने के ख्याल से बच्चादानी निकालने को लेकर ऑपरेशन कर दिया. रोगी की बेहालत होते देख चिकित्सक ने तुरंत रेफर कर दिया. चिकित्सक ने परिजनों को बताया कि रोगी जानलेवा रोेग कैंसर से पीड़ित.
स्थानीय महाजनों से व्याज पर ऋण लेक कैंसर का इलाज कराने को फूल पति देवी के परिजन पटना अनिसाबाद में स्थित महावीर कैंसर संस्थान में ले गये.वहां पर वह 27 जुलाई, 2017 को भर्ती करायी गयीं.उन्होंने कहा कि चिकित्सक बच्चादानी निकालने का निर्णय किये.ऑपरेशन के दरम्यान रक्त स्त्राव रूकने का नाम ही नहीं लिया.हारकर ऑपरेशन करना ही बंद कर दिये.वह कपड़ा लगाकर स्त्राव को बाहर गिरने से रोकती. उन्होंने कहा कि भट्टे में काम पर जाने के एवज में 1 लाख जमापूंजी और 2 लाख रू.महाजनों से 5 रू.सैकड़ा व्याज पर चिकित्सा कराये. अब पैसा नहीं रहने के कारण चिकित्सा बंद हो गया.जो अर्थाभाव साफ दिखता है.दवा तो नहीं दुआ की जरूरत है.भगवान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दुआ है कि मेरी पुत्रवधु फूल पति देवी की जिंदगी को लम्बी करने में सहायक बनें. यहां के विलास मांझी व हीरा मांझी ने बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया है कि चिकित्सा की व्यवस्था करें नहीं तो पीड़िता की अकाल मौत हो जाएगी.इस समय अन्न त्याग दी है.सिर्फ पानी व जुस पर जीर्वित है. मृत्यु पूर्व दर्द से बेहाल फूल पति देवी मइया-मइया कहकर चिल्लाती रहती थीं,अब उनके बच्चे पंकज मांझी,नीतीश मांझी,चंदन मांझी,सरस्वती देवी,तीजू कुमारी और गायत्री कुमारी मइया-मइया चिल्लाकर रोती हैं.नीतीश मांझी ने सीएम नीतीश कुमार को कटघरे में डाल दिया है 5 दिनों के बाद भी मेरी मां की सुधि लेकर लेने अधिकारी नहीं आयेे.सीएम नीतीश कुमार को मेल भेजा गया.सीएम कार्यालय द्वारा हेल्थ डिपार्टमेंट और मुख्यमंत्री सहायता फंड के अनुपम कुमार सुमन को मेल भेजा गया.इस मेल के खेल में मेरी मां फूल पति देवी का ही खेल समाप्त हो गयी.आंसू छलकाकर सरस्वती देवी कहती है कि करीब चार लाख रू.कर्ज हो गया है. लगता है कि महाजनों के पास भाई-बहन बंधुआ मजदूर न बन जाये.
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