पटना 27 मार्च, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि उर्दू शिक्षकों की बहाली की सारी बाधाएं दूर कर विद्यालयों में जल्द ही उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने उर्दू भाषा को किसी संप्रदाय से जोड़ने को गलत बताते हुए कहा कि कोई भी भाषा किसी संप्रदाय विशेष की नहीं हो सकती है। उर्दू हिंदुस्तान की भाषा है। गुलाम सरवर की जयंती पर यहां आयोजित उर्दू दिवस समारोह में लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उर्दू दमदार भाषा है और सभी को उर्दू सीखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदी-उर्दू का संबंध एक-दूसरे के साथ होगा, तो दोनों भाषाएं समृद्ध होंगी। उन्होंने कहा कि सरकारी मदरसों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी छात्रवृत्ति दी जाएगी व मदरसों में सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि अल्पसंख्यक युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए भी सरकार कृत संकल्प है। अल्पसंख्यक युवाओं को उद्यम सहायता के लिए निर्धारित वार्षिक बजट की राशि भी बढ़ा दी गई है। गुलाम सरवर को याद करते हुए नीतीश ने कहा कि बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उनके कार्यो को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने बिहार में उर्दू के लिए सबसे अधिक काम किया है।
मंगलवार, 27 मार्च 2018
बिहार में जल्द होगी उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति : नीतीश
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