नई दिल्ली 27 मार्च, राज्यसभा में बने गतिरोध के कारण सदन से सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों की विदाई नहीं कर पाने से निराश सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) और अन्नाद्रमुक और अन्य पार्टियों के सदस्यों से मुलाकात की और कहा कि वे अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं और कार्यवाही में बाधा उत्पन्न करने वाले सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करने पर मजबूर हो सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि सेवानिवृत्त सदस्यों की विदाई नहीं हो पाने पर नायडू ने अपनी नाराजगी जाहिर की। सूत्रों ने कहा कि उन्होंने कुछ नेताओं को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि जब वह हरेक मुद्दे पर चर्चा की अनुमति देने को तैयार हैं, और विपक्षी और सत्ताधारी पार्टियां विभिन्न मुद्दों पर बहस के लिए तैयार हैं, तो फिर इतने लंबे समय जारी व्यवधान का क्या औचित्य है। सभापति ने कहा कि गतिरोध से सदन का अपमान होता है और लोकतंत्र का भी क्षरण होता है। उन्होंने सवाल उठाया कि सदन और अन्य पार्टियां इस मुद्दे को सुलझाने में असमर्थ कैसे हो सकते हैं? सूत्रों के अनुसार, नायडू के मंगलवार के प्रयास से सदन की कार्यवाही चलाने के पक्षधर नेता और सदस्य कार्यवाही बाधित करने वाले सदस्यों के खिलाफ मुखर होने के लिए प्रेरित होंगे। नायडू से मिलने वाले विभिन्न दलों के नेताओं और सांसदों ने कार्यवाही में अवरोध पर अपनी चिंता जाहिर की और व्यवधान पैदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का समर्थन किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि सदन के घटनाक्रम के कारण वे खुद हताश हैं। सूत्रों ने विश्वास जताया कि सभापति द्वारा नाराजगी जाहिर करने के बाद बुधवार को सदन में कार्यवाही सामान्य रूप से चलने की संभावना है।
बुधवार, 28 मार्च 2018
राज्यसभा में गतिरोध पर वेंकैया ने नेताओं से मुलाकात की
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