दिल्ली में प्रदूषण नियमों की अनदेखी करने पर 7000 बसों का चालान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 7 अप्रैल 2018

दिल्ली में प्रदूषण नियमों की अनदेखी करने पर 7000 बसों का चालान

7000-bus-fined-in-delhi
नयी दिल्ली , सात अप्रैल, राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने पर पिछले छह सालों के दौरान सात हजार से ज्यादा बसों का चालान किया गया। दिल्ली सरकार ने प्रदेश विधानसभा में यह जानकारी दी। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने विधानसभा के सत्र के दौरान कहा कि वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र ( पीयूसी ) नहीं होने पर कुल 7,219 बसों का चालान किया गया।  वैध पीयूसी न होने की वजह से सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश की 3,328 बसों का चालन किया गया। इसके बाद राजस्थान का नंबर आता है जहां कि 2,064 बसों का चालान किया गया है।  इस अवधि के दौरान दिल्ली में पंजीकृत 643 बलों का चालान प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने पर किया गया। मंत्री ने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान प्रदूषण फैलाने वाली बसों के खिलाफ कार्रवाई में कई गुणा बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2017 से इस साल फरवरी तक कुल 5,086 बसों का पीयूसी प्रमाणपत्र न होने की वजह से चालान किया गया। उन्होंने एक लिखित जवाब में कहा कि पिछले सालों में यह काफी कम था। वर्ष 2012-13 में 244, 2013-14 में 216, 2014-15 में 506, 2015-16 में 189 और 2016-17 में 978 बसों का चालान किया गया। 

कोई टिप्पणी नहीं: