- बंद के दौरान माले व दलित संगठन के कार्यकर्ताओं पर भाजपा-आरएसएस का हमला बेहद शर्मनाक.
पटना 2 अप्रैल 2018, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने एससी-एसटी कानून में संशोधन के खिलाफआज आहूत भारत बंद को ऐतिहासिक करार दिया है. उन्होंने कहा कि बिहार में भी बंद काफी असरदार रहा. दलितों, अल्पसंख्यकों व कमजोर वर्ग पर बढ़ते हमले के खिलाफ भाकपा-माले ने बंद का सक्रिय समर्थन किया था. भाजपा व आरएसएस का घोर दलित विरोधी चेहरा उजागर हो चुका है. हाल के दिनों में बिहार सहित पूरे देश में दलितों पर दमन-अत्याचार की घटनाओं में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. लेकिन उत्पीड़न की ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने की बजाए सरकार दलित अत्याचार निरोधक कानून को ही कमजोर करने में लगी हुई है. आज के बंद में जनता के विभिन्न हिस्सों का गहरा आक्रोश दिखा है. माले राज्य सचिव ने आगे कहा कि बिहार में जगह-जगह माले व दलित संगठनों के कार्यकर्ताओं को भाजपा व आरएसएस के लोगों ने निशाना बनाया है. ये फासीवादी ताकतें प्रतिरोध के न्यूनतम अधिकार को भी कुचल देने पर आमदा हैं. खगड़िया में हमारी पार्टी के जिला सचिव अरूण कुमार दास को निशाना बनाया गया. दरभंगा में मनोज बैठा, मुजफ्फरपुर में आइसा नेता दीपक और आरा के कतीरा छात्रावास के छात्र सुरेन्द्र पासवान फासीवादियों के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. हमारी पार्टी लोकतंत्र विरोधी इन कार्रवाइयों की कड़ी भत्र्सना करती है.
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