डूमर.कटिहार जिले में है समेली प्रखंड. इस प्रखंड में है डूमर ग्राम पंचायत. यहां की मुखिया हैं रानी देवी.रानी देवी की पंचायत में रहने वाले महादलित मुसहर रंक बनकर रह गये हैं. यह हाल बकिया मुसहरी पोआरी टोला की है.यहां पर महादलित मुसहर 4 पुश्त से रहते हैं.मुसहरी में 60 घर हैं और जनसंख्या करीब 325 है. केवल रेखा कुमारी और राकेश ऋषि ही मैट्रिक उर्तीण हैं. टोला सेवक हैं राकेश ऋषि और विकास मित्र हैं रेखा कुमारी .यहां के फेकन ऋषि जी कहते हैं कि मुसहरी वार्ड नम्बर-12 में है. वार्ड सदस्य बहादुर ऋषि है.वह अपने वार्ड में आंगनबाड़ी केंद्र भी खोलवा नहीं सकें.इसका मतलब है कि यहां के बच्चों की बुनियाद शिक्षा नहीं मिलने के कारण बुनियाद कमजोर हो गयी है. काफी कम बच्चे स्कूल जाते हैं. तपाक से राधा देवी कहती हैं कि यहां 15 मकान बना है.इस मकान में 30 परिवार रहते हैं. जो यह मकान जर्जर हो गया है.हमलोगों की आँख के सामने ही सिर छुपाने वाले आशियाना की छत एक-एक कर भरभराकर गिरने पर उतारू है. इन कारणों से महादलित अांधी, ओला,वर्षा और धूप से बेहाल होकर जिंदगी काट रहे हैं.
यहां पर तिलो ऋषि और कुसुम देवी रहती हैं.दोनों के 5 बच्चे हैं.3 लड़की और 2 लड़का. कुसुम देवी कहती हैं कि बुखार और सिर दर्द होने से समेली में किसी निजी चिकित्सक से दिखाने गयी थीं.चिकित्सक से दिखाकर आते समय टेम्पों पलट जाने से हाथ तोड़वा बैठी.डेढ़ माह से हाथ टूटी से बेहाल है.जबतक पैसा था इलाज करायी.पैसे के अभाव में इलाज बंद है.अब तो यह आलम है कि मजदूर परिवार के बच्चे भूख से बिलबिला रहे हैं.घर की छत भरभरा जाने से खुले आकाश के नीचे रहने को बाध्य हैं. कमोबेश बकिया पोआरी मुसहरी टोला में रहने वालों की दुखभरी दास्तान है. रघुनाथ ऋषि की बेटी हीरिया कुमारी दिव्यांग है. इसको पेंशन नहीं मिलता है.इसके 7 बहन और 2 भाई है.वहीं स्व.खनतर ऋषि की विधवा कैली देवी को भी पेंशन नहीं मिल रहा है.5 साल से कार्यालय में दौड़ लगा रही हैं.इसमें सुशील ऋषि की विधवा प्रमिला देवी भी शामिल हैं.इस विधवा के 3 संतान है.1लड़का और 2 लड़की हैं.भरण-पोषण करने के लिए प्रमिला देवी ने गाय पाल रखी थी.परती खेत में गाय चर रही थी.इसको देखकर खेत मालिक अरविंद यादव सहन नहीं कर सकें.लाठी निकालकर गर्भधारण गाय की जमकर धुनाई कर दी.इस बेरहम मार से दो दिनों के बाद गाय की गर्भपात हो गयी.
यहां के महादलित कहते हैं कि सीएम नीतीश कुमार के सात निश्चय लागू नहीं होने के कारण हर घर नल का जल,हर घर में शौचालय आदि का निर्माण नहीं हुआ है.वहीं जगन्नाथ ऋषि कहते हैं कि हमलोग भूमिहीन हैं.जर्जर घर में रहते हैं.जगहाभाव के कारण ऑपेन एयर में रहते हैं.अपनी बुनियादी समस्याओं को लेकर सीएम,डीएम,सी.ओ.,बीडीओ आदि तक दौड़ लगाकर थक गये हैं.एक बार फिर से सीएम साहब पर भरोसा कर रहे हैं कि हमलोगों की समस्या दूर कर देंगे.हमलोगों की मांग है कि सरकारी घोषणानुसार आवासीय भूमिहीनों को 10 डिसमिल जमीन मिले.खेतिहर मजदूरों को खेती योग्य जमीन 5 एकड़ मिले. जर्जर मकानधारकों को इंदिरा आवास योजना से मकान बनें.सात निश्चय को लागू किया जायं.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें