- महाकल्याण करने दानवीर द्वारा एक-दूसरे को प्रोत्साहित करते रहते हैं
पटना. मंगलवार को रक्त दानवीर सुमन सौरभ और अरविंद भाई पी.एम.सी.एच.पहुँचे.वहां पहुंचकर दोनों रक्त दानवीर खास मुद्दे पर काफी देर से मंथन कर रहे थे.बातचीत की दौर में देखा गया कि काफी देर से एक बालक मैराथन दौड़ लगा रहा है.भाग दौड़ करने वाला बालक का नाम विकास कुमार (उम्र 16 साल) है.अपनी माँ रेखा देवी को पी.एम.सी.एच.में भरती किया था.उसकी मां का ऑपरेशन होने वाला है.वह बेसुध होकर पी.एम.सी.एच. में इधर-उधर दौड़ भाग कर रहा है. हां और जब वह थकहार गया तो हमलोगों के पास आया. वह हाथ में एक रजिस्टर थामकर लेकर आया और बोला कि भैया लोग इसमें क्या लिखा है ? जरा देखिए तो! हमलोगों ने देखा कि वह कॉल बुक था.उक्त कॉल बुक के अनुसार मरीज (रेखा देवी) को एक यूनिट ब्लड देना था.वह भी हॉस्पिटल के ब्लड बैंक से.जैसा कि सर्वविदित है कि यदि डॉक्टर साहब कॉल बुक पर ब्डल देने के लिए लिखकर देते है तो उक्त मरीज को बगैर डोनर के ही एक यूनिट रक्त उपलब्ध कराना अनिवार्य है बल्ड बैंक को. पर अखंड भ्रष्टाचार में डुबकी लगाने वाले पी.एम.सी.एच. ब्लड बैंक के कर्मचारी ने उस बच्चे को बारम्बार डांटकर भगा रहे थे.यहां पर कहीं से ब्लड डोनर दो तब जाकर ब्लड मिलेगा. इस कॉल बुक में लिख देने से कुछ नहीं होता है.इस ओर हमलोग बता दें कि जबतक बालक हमलोगों के पास आया तो हमलोगों ने भी अपने स्तर से काफी प्रयास कर दिया कि उसे कॉल बुक के अनुसार ही रक्त उपलब्ध हो जाए. पर वह किसी कारण से सफल नहीं हो पा रहा था.रक्त दानवीर होने के बावजूद भी हमलोगों को पी.एम.सी.एच. के भ्रष्ट प्रबंधन के सामने झुकना पड़ा.न चाहकर भी हमलोग ने मजबूरी में उस गरीब बच्चे पर ही दनादन प्रश्न दागना शुरू कर दिये.उससे पूछा गया कि परिवार के लोगों से ब्लड डोनेट क्यों नहीं करवाते हो?तो वह बालक बोला कि मेरे पास कोई नहीं है. सिर्फ माँ है और पापा और कोई नहीं हैं. इतना कहकर बालक खुद को रोक नहीं पाया और फूट-फूट कर रोने लगा. जब पूछा गया कि तुम क्यों रो रहे हो तो उसने कहा सब बोलता है कि गरीब के लिए सरकारी हॉस्पिटल होता है, पर गरीब के लिए कोई नहीं है. सब झूठ बोलते हैं....हमलोगों ने उस बच्चे को चुप कराया और पूछा तुम्हारे पापा क्यों नहीं दे रहे ब्लड. तो उसने बोला पापा को बीमारी है और माँ दूसरे के घर काम करती है...मेरी चचेरी बहन यहाँ नर्स है पर हम गरीब हैं ना इसलिए हमको कोई मदद नहीं करता... भैया बचा लीजिए ना माँ को. यह उस बच्चे की बात है. हमलोगों को अंदर से झकझोर दिया तो अरविंद भाई ने कहा कि तुम्हारी जरूरत पूरी हो जाएगी और वहां एक साथी की मदद से हमारे रक्तवीर सहयोगी साथी दीपक भाई ने रक्तदान किया.उसके बाद एक यूनिट और जरूरत हुई जिसे हमारे मित्र रक्तवीर साथी रणवीर पटेल भाई ने रात्रि 10:00 के आस -पास आये. उनके पास डोनर कार्ड है.खुद ही पी.एम.सी.एच.पहुँच कर ब्लड उपलब्ध कराया.इसकी जितनी भी सराहना की जाए वह कम ही है.
नन्ही अनुष्का को ब्ल्ड मिला
अभी अभी डॉ रहमान सर के सौजन्य से पटना में बीए पार्ट वन की तैयारी कर रहे रोहतास के 18 वर्षीय कैसर रजा ने हाजीपुर की तीन साल की नन्ही अनुष्का शर्मा के लिए काफी कम मिलने वाला O नेगेटिव ब्ल्ड डोनेट किया है. पहली बार रक्तदान करने के तुरंत बाद डॉ रहमान सर के शिष्य कैसर रजा ने कहा - ना हम धर्म देखते है न हम जात देखते है हम तो रक्तदानी है, हम इंसानियत के नाते जरूरतमंद का जान देखते है....!! विशेष सहयोग मुकेश भैया । मैं आप सभी का दिल से नमन करता हूँ
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