नयी दिल्ली, 02 अप्रैल, उच्चतम न्यायालय केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं एवं 12वीं कक्षाओं के प्रश्न-पत्र लीक मामले से संबंधित तीन याचिकाओं की सुनवाई बुधवार को करेगा। शीर्ष अदालत ने इन याचिकाओं की सुनवाई पर आज सहमति जताते हुए चार अप्रैल की तारीख मुकर्रर की। पेपर लीक मामले में तीनों याचिकाकर्ताओं ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष अलग-अलग तरह की मांग रखी है। दीपक कंसल की ओर से दाखिल पहली याचिका में याचिकाकर्ता ने दोबारा परीक्षा कराये जाने की बजाय पुरानी परीक्षा के आधार पर ही परीक्षाफल घोषित की जाये और लीक की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से करायी जाये। दूसरी याचिका केरल के कोच्चि शहर के दसवीं के छात्र रोहन मैथ्यू ने दायर की है। उसने भी पहले हो चुकी परीक्षा के आधार पर ही परीक्षाफल घोषित करने का निर्देश सीबीएसई को देने की मांग की है। पेशे से वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की ओर से दायर तीसरी याचिका में पेपर लीक कांड की सीबीआई जांच कराये जाने की मांग की गयी है। अलख श्रीवास्तव ने अपनी याचिका में कहा है कि 12वीं की परीक्षा देने वाले प्रत्येक छात्र को पेपर लीक के कारण होने वाली मानसिक परेशानी, तनाव और असुविधा के लिए एक लाख रुपये हर्जाना दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने छात्रों को किसी भी परेशानी से निजात दिलाने के लिए सारी परीक्षाएं फिर से कराये जाने का सीबीएसई को निर्देश देने का न्यायालय से अनुरोध किया है। इस मामले में दिल्ली पुलिस अब तक दो प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है। बारहवीं कक्षा के अर्थशास्त्र के पेपर को लीक करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें दो निजी स्कूलों के शिक्षक और एक ट्यूटर शामिल हैं।
मंगलवार, 3 अप्रैल 2018
सीबीएसई पेपर लीक : सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई
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