नई दिल्ली 9 अप्रैल, सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को कावेरी नदी के जल बंटवारे पर अपने फैसले के क्रियान्वयन के लिए योजना तैयार नहीं करने के लिए केंद्र को फटकार लगाई और मुद्दे को तीन महीने के लिए टालने की केंद्र की याचिका को अस्वीकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम.खानविलकर व न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की पीठ ने केंद्र को योजना का मसौदा 3 मई तक तैयार करने का निर्देश देते हुए कहा, "आपको वास्तविक तौर पर दिखाना होगा कि आप शीर्ष अदालत के जल वितरण के आदेश का सम्मान करते हुए एक योजना तैयार करेंगे।" प्रधान न्यायाधीश मिश्रा ने अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल को शीर्ष अदालत के 16 फरवरी के आदेशानुसार योजना दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा, "आप को इसे दाखिल करना होगा.वे ऐसा करने को बाध्य हैं।" केंद्र ने कर्नाटक विधानसभा के चुनावों का हवाला देते हुए व कुछ स्पष्टीकरणों की मांग करते हुए कावेरी मुद्दे पर अदालत के फैसले के क्रियान्वयन के लिए योजना बनाने के लिए तीन महीने के समय की मांग की थी। सर्वोच्च अदालत ने कावेरी मामले में फरवरी के अपने फैसले में थोड़ा संशोधन किया था। तमिलनाडु की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील शेखर नफाडे ने अदालत से कहा, "आपका आदेश इतना स्पष्ट था कि जिस व्यक्ति को अंग्रेजी का प्राथमिक ज्ञान है वह भी इसे समझ सकता है। लेकिन केवल केंद्र ही इसे नहीं समझ पा रहा, जिसका कारण उसे ही बेहतर पता होगा।"
सोमवार, 9 अप्रैल 2018
केंद्र कावेरी फैसले के क्रियान्वयन के लिए बाध्य : सर्वोच्च न्यायालय
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