पटना. ईसाई समुदाय परेशान हैं. जनसंख्या की हिसाब से ईसाई समुदाय अल्पसंख्यकों में द्वितीय स्थान पर हैं. बावजूद इसके केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं.वहीं जनसंख्या की हिसाब से अल्पसंख्यकों में अव्वल रहने वाले मुसलमान सुविधाओं को समेट लेते हैं. बताते चले कि ईसाई समुदाय दोमुहान पर खड़े हैं.दोहरी राह पर चलने के कारण मझधार में हैं. उल्लेखनीय है कि मिशनरी संस्थाओं द्वारा ईसाई समुदाय के नाम पर स्कूल, कॉलेज, अस्पताल आदि खोलते हैं.इनका टारगेट ग्रुप ईसाई ही रहते हैं. मिशनरी संस्थाओं द्वारा बच्चों की पढ़ाई और सयानों की कमाई का ख्याल रखते हैं. हाल के दिनों में पढ़ाई व कमाई पर ब्रेक लगाया जा रहा है.कुछेक जगहों पर मिशनरी संस्थाओं के कर्ताधर्ता मतलबी हो गये हैं.कुछ लोगों के सहयोग से हुक्कुमत चलाने लगते हैं. वहीं कार्यरत कर्मियों को नाजायज ढंग से नौकरी निकाला कर देते हैं. इसी में समुदाय उलझकर रह जाते हैं. मिशनरी अपने मिशन के तहत कार्य करके मिशनरी स्कूलों में बच्चों का नामांकन लेना बंद कर देते हैं. इस बीच बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव राशिद अहमद से विभिन्न योजनाओं की जानकारी लेते कुर्जी महापल्ली के निवर्तमान पल्ली पुरोहित फादर जोनसन. इस मुलाकात को संभव करवाने वाले हैं बीजेपी के नेता क्लेमेंट राजन साह. बीजेपी नेता श्री साह ने कहा कि संयुक्त सचिव ने कहा कि अल्पसंख्यक विभाग चाहता है कि अधिकाधिक लाभ मिले ईसाई समुदाय को भी.आपलोग लगातार संपर्क में रहे और अपने समुदाय को लाभ दिलवायें.
सोमवार, 9 अप्रैल 2018
बिहार : यह कयास लगाया जा रहा है अब ईसाई समुदाय भी लाभ लेने को आगे आयेंगे
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