नई दिल्ली, 13 अप्रैल, दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ जिले की आठ साल की लड़की की पहचान उजागर करने को लेकर विभिन्न मीडिया संस्थानों को नोटिस जारी किया। लड़की की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति हरिशंकर की खंडपीठ ने कहा कि पीड़िता की पहचान उजागर करने के लिए मीडिया संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कार्य कानून का उल्लंघन है, जो भारतीय दंड संहिता की धारा 228-ए के तहत दंडनीय है। अदालत ने राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू), दिल्ली महिला आयोग व राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) से मामले में जवाब दाखिल करने को कहा है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध कर दी। पीड़ित का शव कठुआ के रासना जंगल से 17 जनवरी को बरामद हुआ था। पीड़िता जंगली इलाके में घोड़ों को चराने के दौरान लापता हो गई थी। उसे एक मंदिर के अंदर बंधक बनाकर रखा गया और नशीली दवाएं देकर बार-बार दुष्कर्म किया गया और हत्या कर दी गई।
शनिवार, 14 अप्रैल 2018
कठुआ दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करने पर मीडिया संस्थानों को नोटिस
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