दुमका (अमरेन्द्र सुमन) नगर परिषद्, दुमका के तमाम 21 वार्डों में इन दिनों चुनावी फिजा सर चढ़ कर बोल रही है. कोई कमल खिलते देखना चाहता है तो कोई पंजा के दम पर विजयश्री का ताज पहनना चाहता है. कोई केला के सहारे जंग जीतने की होड़ में शामिल है तो कोई चुनाव आयोग द्वारा आवंटित चुनाव चिन्ह के सहारे. सबकी अपनी-अपनी राजनीति. सबके अपने-अपने स्वार्थ, कोई बड़े अंतर से प्रतिद्वन्दियों को हराने की योजना बना रहा तो कोई जातीय समीकरण के आधार पर अपनी जीत सुनिश्चित कराना चाह रहा. अधिकांश उम्मीदवार पिछले रिकार्ड को जमींदोज कर आगे बढ़ना चाह रहे हैं. उम्मीदवारों की राजनीति को करीब से देख रहे दुमका के मतदाताओं ने इस बार अपना मिजाज बदल डाला है. वे उसी को अपना बहुमूल्य मत देंगे जो सामाजिक सरोकारों से जुड़ा रहा हो. समय-असमय जिसने सेवाभावना से गरीब-गुरुवों की सहायता की हो. जो शहर को प्रदूषण से मुक्त रखना चाहता हो. जो स्वच्छ व अनुकरणीय संस्कार से युक्त हो. शहर की सड़कें, नलियों-गलियों, चैक-चैपालों की बद्तर स्थिति पर खुद के पैसे से जो काम करवाता हो. धर्म-जाति, मजहब की संकीर्ण बंदिशों से हटकर जो सद्भावनापूर्ण कार्य करता हो. दुमका नगर परिषद् के मतदाताओं से जब यह सवाल पूछा गया कि ऐसे विनम्र स्वभाव, चरित्रवान, सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने वाले उम्मीदवार आप सबकी नजर में कौन हैं तो एक स्वर सबका जबाव था विनोद कुमार लाल. जी हाँ, वही विनोद कुमार लाल जो डीजल पम्प मशीन छाप पर नगर परिषद् उपाध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे है. बौद्धिक रुप से तो जो परिपूर्ण है ही लम्बी अवधि तक सरकारी कार्यों को पूरी प्रतिबद्धता के साथ करने की जिनमें क्षमता व दक्षता हासिल है. कुछ लोगों ने कहा शहर के लोग इतने निरीह नहीं रहे जिन्हें गुमराह कर लोग अपने स्वार्थ की पूर्ति कर सके. वे सबकुछ जानते हैं. डीजल पम्प मशीन छाप पर चुनाव लड़ रहे उपाध्यक्ष पद उम्मीदवार विनोद कुमार लाल को शहर के तमाम मतदाता लगभग व्यक्तिगत रुप से जानते हैं. मतदाता यह भी जानते हैं कि जब भी श्रीलाल की जरुरत पड़ी वे दोनों पैरों पर खड़े मिले. न कोई अहम. न पैसे की गर्मी. न उदण्ड स्वभाव और न ही असमाजिक. चाहे खुद लाख टेंशन में हों, लोगों की परेशानियों को हंसकर सम्पादित करना उनकी खासियत रही है. यही कारण है कि जहाँ एक ओर युवाओं के मुँह पर हरदम विनोद लाल के नाम हुआ करते हैं वहीं बड़े-बुजुर्गों के मुँह पर भी. विभिन्न त्योहारों पर उनके आयोजन व व्यवस्था से महिलाएँ खासा प्रभावित हुआ करती हैं. खूँटाबांध छठ पूजा की बात हो या फिर दुर्गापूजा की. मंदिर निर्माण की बात हो या फिर मस्जिदों में आयोजित होने वाले अल्पसंख्यकों के निहितार्थ कार्यों की. वे सब में शरीक रहते हैं. लोग विनोद लाल को एक बेहतर खेलप्रेमी के रुप में भी जानते हैं. टी-20 क्रिकेट के आयोजन से दुमका को राष्ट्रीय फलक पर एक मुकम्म्ल पहचान दिलाने का श्रेय विनोद लाल को जाता है. चुनाव जीतने के बाद होल्डिंग टेक्स को न्यूनतम करवाना श्री लाल की प्रमुख प्राथमिकता हे. नगर परिषद् का सीमांकन जरुरी है. श्री लाल मानते हैं बिजली-पानी की समस्या से दुमका अभी तक उबर नहीं पाया है. पेयजलापूर्ति की उत्तम व्यवस्था, हिजला पेयजलापूर्ति योजना का डीपीआर तैयार करवा कर उसका पुर्ननिर्माण श्री लाल की प्राथमिकता सूची में है. दुमका की जनता जानती है विनोद लाल के उपाध्यक्ष चुने जाने से उनकी इन समस्याओं का निराकरण अपने बलबूते सिर्फ व सिर्फ वे ही कर सकते हैं. दुमका नगर निकाय में 19 मतदान केंद्र संवेदनशील, ,16 अति संवेदनशील, व 4 सामान्य मतदान केंद्र हैं. इस प्रकार दुमका नगर परिषद् अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व वार्ड पार्षदों के लिये होने वाले चुनाव में मतदान केन्द्रांे की कुल संख्या 42 है. श्री लाल का विश्वास है कि तमाम बूथों पर डीजल पम्प मशीन छाप पर अधिक से अधिक मतदान कर लोग उन्हें उपाध्यक्ष पद पर आसीन करेंगे. वे यह भी जानते हैं उपाध्यक्ष पद पर बैठने के साथ ही मतदाताओं से किये गए वायदे के लिये उनका प्रयास प्रारंभ हो जाएगा.
रविवार, 15 अप्रैल 2018
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दुमका : हवा की अपनी दिशा है, पानी का अपना तरंग. फिजा बनती है उनकी, जो रखते हैं ईमान-धरम.
दुमका : हवा की अपनी दिशा है, पानी का अपना तरंग. फिजा बनती है उनकी, जो रखते हैं ईमान-धरम.
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