- साधनहीन होने के नाते पेड़ के नीचे होती है पढ़ाई, जिला शिक्षा के अधिकारियों को देना चाहिए ध्यान
बेतिया.पटना धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष द्वारा स्थापित है सेक्रेट हार्ट सोसायटी.इसे पवित्र ह्वदय समाज भी कहा जाता है.इस समाज की धर्मबहनों में सुविख्यात व जाना-पहचाना नाम है सिस्टर क्रेसेन्स की.उन्होंने इस समाज के विभिन्न तरह के पदों पर कौशलतापूर्वक कार्य संपादित की हैं.अपनी कार्य क्षमता व नेतृत्व गुण के चलते ही समाज के सर्वोच्च पद सुपेरियर जेनरल तक पहुंच पायी.समाज की इस विशिष्ट पद से हटते ही सिस्टर क्रेसेन्स से मदर क्रेसेन्स बन गयीं. समाज की सिस्टर्स मदर क्रेसेन्स कहकर सम्मानित करती हैं.आजकल मदर क्रेसेन्स शिक्षा की ज्योति जला रही हैं. मदर क्रेसेन्स के नेतृत्व में विश्व साक्षरता कार्यक्रम के तहत बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही हैं.यह सब संभव फकिराना सिस्टर्स सोसायटी बानूछापर,बेतिया के सौजन्य से हो रहा है.जो पवित्र ह्वदय समाज का ही अंग है. मजे की बात है कि एक बोर्ड पर ही नारा लिखित है पढ़ाई और किताब से प्यार करो, जीवन अपना उद्धार करों, रोटी कपड़ा और मकान पर ,शिक्षा से बनेगा अपना देश महान, गांधी जी का यही था कहना,अनपढ़ बनकर कभी न रहना.हां बच्चे तो बच्चे सयाने भी इस तरह के नारा से प्रभावित हो जा रहे हैं.प्रभावित होकर ही कुछ युवक-युवतियां विश्व साक्षरता कार्यक्रम से जुड़े हैं.ऐसे लोग पूर्ण जुनून के साथ बच्चों को पढ़ाने लगे हैं. बता दें कि इन लोगों के पास भव्य विद्यालय नहीं है मगर दिल में उमंग व जोश रहने से वगैर साधन से ही अध्यापन कार्य करते हैं. गुरूजी कुर्सी पर नहीं बैठते हैं.बस खड़े होकर ही बच्चों को पढ़ाते हैं.हां बच्चे पेड़ के नीचे पढ़ते हैं.बच्चे घर से बैठने के लिये बोरा लाते हैं.इसी के साथ बच्चों को पंख लगाने का सिलसिला शुरू हो जाता हैं. पश्चिमी चम्पारण जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को ध्यान देकर व्यवस्था दुरूस्त कर देना चाहिए.
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