डूमर. जिला कटिहार में है समेली प्रखंड. इस प्रखंड में है पंचायत डूमर.इस पंचायत की मुखिया हैं रानी कुमारी. मुखिया रानी कुमारी के कार्यक्षेत्र में बकिया पोआरी मुसहरी टोला व बकिया पश्चिमी टोला मुसहरी स्थित है. इन मुसहरियों की अंधेरी रात की सुबह कब होगी? बकिया पश्चिमी टोला मुसहरी में एक बीघा जमीन है. इस पर 100 घर निर्मित है.यहां की करीब जनसंख्या 700 है.केवल जन ही 4 मैट्रिक उर्तीण किए हैं.सबसे पहले मंटू ऋषि ही मैट्रिक पास करके रिकॉड बनाये हैं.कुछ दूरी पर कामास्थान है प्राथमिक विघालय.यहां पर महादलितों ने अपने-अपने बच्चों का नामांकन करा दिए हैं. इन बच्चों की संख्या करीब 150 है, इनमें केवल 15 बच्चे विघालय जाते हैं. बकिया ग्राम पंचायत के वार्ड नम्बर -12 में महादलित मुसहरों की जनसंख्या अधिक है.बहुतायत संख्या के बल पर लगातार तीन चुनाव में मुसहरों की ही जीत हुई है. अव्वल वर्ष 2006 में सत्यजीवन ऋषि, वर्ष 2011 में रामलाल ऋषि और वर्ष 2016 में बहादुर ऋषि वार्ड सदस्य बनें. वार्ड सदस्य बहादुर ऋषि कहते है कि मुसहरी में वर्ष 1999-2000 में दौरान सरकार की ओर से 20 हजारी 90 घर बना. अब तो स्थिति यह बन गयी है कि मात्र:18 साल में ही 20 हजारी मकान चूने लगा है. यहां के लोगों का कहना है कि मामूली बरसात होने के बाद भी पानी टपकने लगता है.करवटे बदलते सारी रात गुजर जाती है. अधिक झमाझम बारिश होने पर रतजंगी करनी पड़ती है. इसके बाद 45 हजारी 10 घर बना है.इसमें 75 प्रतिशत अधूरा है.पन्नी तानकर लोग रहते हैं.
पूर्व वार्ड सदस्य रामलाल ऋषि कहते हैं कि इनके कार्यकाल में 2011-2016 के बीच में करीब 60 शौचालय बना है.बेहतर ढंग से नहीं बनने के कारण बाल-बच्चों के साथ सभी खुले में शौच करने जाते हैं. स्वच्छ भारत मिशन व लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत सर्वें का कार्य जारी है. आगे वार्ड सदस्य बहादुर ऋषि कहते हैं कि मुख्यमंत्री निश्चय योजना के तहत कामास्थान के पास जलापूर्ति केंद्र निर्माण किया गया है.दो जगहों पर जल भंडारण करने की पक्की व्यवस्था है.वहीं हर घर नल का जल के तहत पाइपों का समायोजन कर दिया गया है. बाजाप्ता सुनील कुमार मंडल को ऑपरेटर सह जलापूर्ति केंद्र की देखरेख में रखा गया है.ऑपरेटर सुनील कुमार मंडल कहते हैं कि पटना में जाकर साक्षात्कार भी दे चुके हैं.कहते हैं कि डेढ़ साल हो गया है जलापूर्ति केंद्र का निर्माण कार्य संपन्र किये.केवल एक बार ही मशीन स्टार्ट करके टेस्ट किया गया. इसके बाद डेढ़ साल से मशीन चालू नहीं की गयी.पूर्व वार्ड सदस्य रामलाल ऋषि कहते हैं कि जलापूर्ति केंद्र सफेद हाथी बन गया है.सीएम नीतीश कुमार के कुशल शासन को दागदार किया जा रहा है. आगे कहते है कि शुरूआती दौर में 15 लोग दूषित पानी,दूषित भोजन व दूषित वातावरण के चलते डायरिया की चपेट में आकर दम तोड़ दिये.किसी को भी कबीर अंत्येष्ठी योजना से लाभ नहीं मिला.फिलवक्त मुसहरी में 15 चापाकल है. 5 सरकारी है और 10 व्यक्तिगत है.पिछले 4 साल से डायरिया नहीं हो रहा है.यह वार्ड सदस्य बहादुर ऋषि का कहना है.साफ-सफाई पर खासा जानकारी दी गयी.स्वच्छ भोजन व पेयजल लेने पर बल दिया गया. वार्ड सदस्य बहादुर ऋषि ने सीएम नीतीश कुमार से निवेदन किया है कि सबसे पहले बासगीत पर्चा निर्गत करवाने का आदेश दें. वर्ष 1999-2000 के दौरान निर्मित जर्जर 20 हजारी घर को तोड़कर इंदिरा आवास योजना से मकान बनाने की स्वीकृति प्रदान किया जायं.डेढ़ साल से बंद जलापूर्ति केंद्र को चालू किया जायं.अब भी आवासीय भूमिहीन हैं उनको चिंहित कर 10 डिसमिल जमीन दी जायं.
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