नई दिल्ली, 10 अप्रैल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकपाल चयन समिति की बैठक के लिए केंद्र सरकार के 'विशेष आमंत्रण' को गुमराह करने वाला बताकर मंगलवार को एक बार फिर ठुकरा दिया। लोकपाल और लोकायुक्त में 'विशेष आमंत्रण' के किसी प्रावधान के न होने का हवाला देते हुए खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र में कहा कि भागीदारी या मतदान के अधिकार के बिना बैठक में शामिल होने का कोई औचित्य नहीं है। खड़गे ने लिखा, "मुझे एक 'विशेष आमंत्रित' के तौर पर आमंत्रण, जिसमें भागीदारी, विचार दर्ज कराने और मतदान का अधिकार न हो, वह विपक्ष के विचारों गंभीर भागीदारी चाहने के बदले देश और देश की जनता को गुमराह करने वाला है।" उन्होंने लिखा, "देश की जनता को जानना चाहिए कि लोकपाल चयन समिति में लोकपाल अधिनियम की धारा 4(1) के तहत लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को शामिल करने के लिए लोकपाल अधिनियम में संशोधन न कर सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में साढ़े चार साल बरबाद कर दिए हैं।" खड़गे अधिनियम में संशोधन कर लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के एक नेता को चयन समिति में सदस्य बनाने की मांग कर रहे हैं। वर्तमान लोकपाल अधिनियम के तहत लोकसभा में विपक्ष का नेता लोकपाल चयन समिति का सदस्य बन सकता है। हालांकि वर्तमान लोकसभा में किसी भी राजनीतिक दल के पास कुल लोकसभा सीटों की 10 फीसदी सीटें नहीं हैं, जिसके कारण लोकपाल चयन समिति में उसका प्रतिनिधि सदस्य नहीं बन सकता। लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के पास 48 सीटें हैं। इस मुद्दे पर खड़गे ने प्रधानमंत्री को दूसरी बार पत्र लिखा है। इससे पहले उन्होंने 28 फरवरी को भी मोदी को पत्र लिखा था।
बुधवार, 11 अप्रैल 2018
खड़गे ने लोकपाल बैठक का आमंत्रण फिर ठुकराया
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