दुमका (अमरेन्द्र सुमन) दलगत आधार पर नगर परिषद् दुमका में अध्यक्ष/ उपाध्यक्ष व वार्ड पार्षदों के लिये 16 अप्रैल को होने वाले मतदान को ध्यान में रखते हुए तमाम प्रत्याशियों की ओर से इस दौड़ में विजेता बनने की होड़ लगी हुई है। अंतिम प्रयास उनका चरम पर देखा जा रहा है। जहाँ एक ओर वर्ष 2008 व व 13 के चुनाव में अध्यक्ष पद पर विजयश्री हासिल करने वाली भाजपा प्रत्याशी अमिता रक्षित तीसरी दफा भी अपनी किस्मत आजमा रहीे हैं, वहीं दूसरी ओर न्यूनतम मतों के अन्तर से दो-दो मर्तबा हार चुकी निर्दलीय प्रत्याशी श्वेता झा ने इस चुनाव में अपनी सारी ताकत झोंक डाली है। व विगत कई वर्षों से भाजपा महिला मोर्चा की सशक्त हस्ताक्षर रह चुकी पार्टी से विक्षुब्ध नेत्री ममता साह ने निर्दलीय ही फलों से सजे टोकरी चुनाव चिन्ह के बलबूते चुनाव मैदान में अपना अपना दमखम दिखलाने से चूक नहीं रहीं। काॅग्रेस की पुरानी कार्यकर्ता अमिता रक्षित ने नगर परिषद् चुनाव से डेढ़ महीनें पहले भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर आनन-फानन मंे टिकट प्राप्त कर लिया। दुमका की विधायक व सूबे की मंत्री डाॅ0 लुईस मराण्डी की छत्रछाया में चुनाव तो वे लड़ रहीं किन्तु खुद पर उन्हें एतबार नहीं रह गया। दो विरोधी प्रत्याशी के बीच निर्दलिय ममता साह का प्रकट हो जाना श्रीमती रक्षित के राजनीतिक कैरियर की सबसे बड़ी असफलता मानी जा रही है। स्थानीय कार्यकर्ताओं से रायशुमारी के बगैर अमिता रक्षित को अध्यक्ष पद के लिये प्रत्याशी घोषित कर देना राजनीतिक विश्लेषकों के गले नहीं उतर रहा। श्रीमती रक्षित को टिकट दिये जाने के बाद भाजपा महिला मोर्चा की अन्य सक्रिय महिला कार्यकर्ताओं के अन्दर अंसतोष की भावना उफान लेने लगी। दुमका नगर परिषद् क्षेत्र के कुल 21 वार्डों के तहत 9 हजार 4 सौ रौनियार मतदाताओं का हवाला देते हुए रौनियार समाज ने भाजपा से बगावत कर दिया है। भाजपा का कट्टर समर्थक रौनियार समाज ने ममता साह को पार्टी से दरकिनार कर दिये जाने को प्रतिष्ठा से जोड़ रखा है। परिणामस्वरुप भाजपा प्रत्याशी अमिता रक्षित के विरुद्ध रौनियार वैश्य समाज का विरोध खुलकर सामने आ चुका है। इस समाज के बुद्धिजीवियों ने ममता साह को समर्थन देने का अंतिम फैसला कर लिया। अखिल भारतीय रौनियार समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गया प्रसाद साह ने भाजपा की इस नीति की जमकर आलोचना की। श्री साह ने कहा कि भाजपा ने ठीक नहीं किया। पिछले 10 वर्षों से जो महिला रात-दिन पार्टी का झंडा ढोती रही, छोटे से स्वार्थ की खातिर भाजपा ने उसे अपमानित कर दिया। घर-परिवार त्याग कर जो महिला सेवाभाव से पार्टी के लिये कार्य करती रही, एक झटके में उसकी साख को दांव पर लगा दिया ? ऐसी पार्टी के प्रत्याशी को पूरी प्रतिबद्धता के साथ हराना ही रौनियार समाज के लिये एकमात्र विकल्प रह गया है। पिछले दिनों रौनियार समाज के एक तथाकथित नेता प्रकाश साह के भाजपा के समर्थन में रौनियार समाज की एकजुटता पर दिये गए बयान का खंडन करते हुए श्री साह ने कहा कि ऐसा कर श्री साह ने रौनियार समाज के विरोध को और भी भड़काने का प्रयास किया है। यह समाज श्री साह को उनकी औकात तो बतलाऐगी ही, दुमका की विधायक व पार्टी प्रत्याशी अमिता रक्षित को हराने में भी कोई कोर कसर नहीं छोडेगा। रौनियार समाज के जिला सचिव ने श्री साह के बयान को खारिज करते हुए कहा कि रौनियार समाज के एडहाॅक अध्यक्ष श्री साह को सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित करने का प्रस्ताव लेती है। उन्होंने कहा कुछ तथाकथित लोग समाज की एकजुटता को तोड़ने प्रयास कर रहें हैं। वैसे लोगों का मुँहतोड़ जबाव देगा। रौनियार समाज के युवा नेता राजकिशोर साह ने कहा कि ममता साह भारी बहुमत से विजयी होगी। मालूम हो नगर परिषद् दुमका में मतदाताओं की संख्या तकरीबन साढ़े अढ़तीस हजार हैं। साढ़े नौ हजार मतदाता रौनियार वैश्य समुदाय से आते हैं। सिर्फ रौनियार समाज के लोग ही भाजपा से क्षुब्ध हैं ऐसी बात नहीं, अन्य समुदाय के लोग भी भाजपा की इस नीति के खिलाफ हैं। गया प्र0 साह का कहना है भाजपा कुबेरपतियों को ही आगे बढ़ाने का कार्य करती है। पार्टी के सिद्धान्तों पर चलने वाले लोगों को हीन भावना से भाजपा देखती है। अखिल भारतीय रौनियार वैश्य महासभा के साथ-साथ प्रांतीय अध्यक्ष, जिला सचिव व अन्य पदाधिकारियों के द्वारा दिन बुधवार को आहुत बैठक में एकजुटता का परिचय देते हुए सबों ने निर्दलीय प्रत्याशी ममता साह को अपना समर्थ देने का अंतिम फैसला कर लिया। रौनियार समाज के इस निर्णय से भाजपा प्रत्याशी मैदान में अलग-थलग देखी जा रहीं हैं। सूबे की मंत्री डाॅ0 लुईस मराण्डी के लिये भी यह चुनाव कई मायने रखता है। क्रांतिकारी महिला व अध्यक्ष पद प्रत्याशी ममता साह ने कहा स्वाभिमान व सिद्धान्तों से कोई समझौता नहीं करने वाली। मालूम हो कई दफा खुद डाॅ0 लुईस मराण्डी ममता साह को मनाने उनके आवास पर गईं उनसे समर्थन की अपील की किन्तु ममता साह ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाते हुए दो टूक जबाव दे दिया।
शुक्रवार, 13 अप्रैल 2018
आलेख : रौनियार वैश्य समाज ने ममता साह को भारी समर्थन देने का आश्वासन दिया
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