पटना, 05 अप्रैल (वार्ता) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में शराबबंदी को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के हमलों पर आज इशारों-इशारों में पलटवार करते हुए कहा कि शराबबंदी के खिलाफ एक-दूसरे का हाथ पकड़ने वाले अब इस मुद्दे पर अनैतिक राजनीति कर रहे हैं। श्री कुमार ने यहां अधिवेशन भवन में प्रदेश में पूर्ण मद्य निषेध के दो वर्ष पूर्ण होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शराबबंदी को लेकर बनी मानव श्रृंखला में राज्य की आबादी का लगभग एक तिहाई हिस्सा शामिल हुआ था। इसमें हर आयु वर्ग के लोग शामिल हुए थे जिसने दुनिया में एक इतिहास कायम किया। मुख्यमंत्री ने कहा, “ मानव श्रृंखला में सभी जाति, धर्म एवं राजनीतिक दल के लोगों ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर शराबबंदी के पक्ष में अपना संकल्प व्यक्त किया था लेकिन आज कुछ लोग अनैतिक राजनीति कर रहे हैं। लोगों की चिंता नहीं कर रहे हैं। शराब पीने वालों, धंधा करने वालों, पिलाने वालों के खिलाफ कानून सख्ती से कार्रवाई करेगा क्योंकि शराबबंदी के पक्ष में पूर्ण जनमत है।” श्री कुमार ने कहा कि एक अप्रैल 2016 को राज्य में शराबबंदी लागू की गई थी जिसके प्रथम चरण में ग्रामीण इलाके में देशी एवं विदेशी शराब को बंद करने का निर्णय लिया गया था। शहरी इलाके में शराबबंदी का निर्णय दूसरे चरण में करने पर विचार किया गया था। प्रदेश में एक से चार अप्रैल के बीच शहरी इलाके में भी शराब की दुकानों को बंद करने के समर्थन में लोगों ने प्रदर्शन किया जिसके बाद इससे उत्साहित होकर सरकार ने पांच अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू करने का निर्णय किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब के कारण लोग अपनी गाढ़ी कमाई का बहुत बड़ा हिस्सा इसमें लोग बर्बाद कर देते थे। घर का माहौल तनावपूर्ण रहता था। शराब पीने से लोगों का शारीरिक,मानसिक और आर्थिक नुकसान होता था। महिलाओं और बच्चों की स्थिति घर में काफी खराब रहती थी। महिलाओं की मांग पर ही शराबबंदी का निर्णय लिया गया। प्रदेश में शराबबंदी से नई सामाजिक क्रांति का सूत्रपात हुआ है। श्री कुमार ने कहा कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद भी कुछ धंधेबाज इस काम में लिप्त हैं।महिलाओं से आग्रह है कि वे सतर्क रहें और शराब पीने वालों को समझाएं ताकि शराब से होने वाले नुकसान की नौबत नहीं आए। उन्होंने अवैध शराब की तस्करी करने वालों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि शराब का अवैध कारोबार करने वालों एवं इसका सेवन करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाया गया है और उसपर कार्रवाई हो रही है लेकिन इसको पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए सामाजिक अभियान लगातार जारी रखना होगा।
मुख्यमंत्री ने अवैध शराब तस्करी के खिलाफ जारी अभियान के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 01 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2018 तक छह लाख 83 हजार 370 छापेमारी की गई। इसे लेकर एक लाख 05 हजार 954 अभियोजन दर्ज किए गए और एक लाख 27 हजार 489 लोगों की गिरफ्तारी की गई। इस दौरान 11 लाख 70 हजार 800 लीटर देशी शराब, 17 लाख 13 हजार 780 लीटर विदेशी शराब, दो लाख 93 हजार 819 लीटर चुलाई शराब एवं एक लाख 29 हजार 901 लीटर अवैध सुशब जब्त की गई। इसके बाद अभियान चलाकर बड़ी मात्रा में देशी और विदेशी शराब को नष्ट भी किया गया। श्री कुमार ने कहा कि जिस तरह कुछ लोगों ने यह हौवा खड़ा करने की कोशिश की है कि एक लाख लोग जेलों में बंद हैं जबकि सच्चाई यह है कि शराबबंदी के क्रम में 12 मार्च 2018 तक केवल 8123 लोग ही जेलों में बंद हैं। इनमें 801 लोग बिहार के बाहर के हैं। सभी वर्ग के लोग जो इस अवैध कार्य से जुड़े रहे हैं, वही जेल में हैं। उन्होंने शराबबंदी के फायदे गिनाते हुए कहा कि इसका सबसे ज्यादा फायदा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के साथ गरीब वर्ग के लोगों को हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब चुलाई का धंधा करने वाले अधिकतर गरीब तबके से आते हैं। शराबबंदी के पहले दिन से ही अधिकारियों से कहा गया है कि ऐसे लोगों को समझा कर उनके लिए रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था करिए। पूर्णिया जिले के एक गांव में लोगों को दो-दो गाय उपलब्ध करायी गयी ताकि वे अपनी जीविका चला सकें। श्री कुमार ने कहा कि कुछ ऐसे परिवार हैं जो शराब चुलाई के धंधे में अभी भी लिप्त हैं, जीविका के माध्यम से इस तरह के परिवारों को चिह्नित कर स्वयं सहायता समूह से उनको जोड़ने के लिए विशेष कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं। जीविका के माध्यम से उनको वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। अभी तक आठ लाख स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है। दस लाख स्वयं सहायता समूह गठित करने का हमारा लक्ष्य है जिसके माध्यम से करीब सवा करोड़ परिवार जुड़ जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मद्य निषेध लोक आसूचना केंद्र के लोकार्पण से शराबबंदी को एक नई ताकत दी गई है। हरेक गांव में बिजली के खंभे पर निशुल्क दूरभाष संख्या 1800 3456 268 15545 लिखा होगा। कोई भी व्यक्ति गड़बड़ी करने वाले की सूचना अपने मोबाइल से दे सकेगा। सूचना देने वालों का नाम गुप्त रखा जाएगा। यह आसूचना केंद्र अभी दस घंटे काम करेगा लेकिन 15 अप्रैल से 24.7 कार्यरत रहेगा। श्री कुमार ने कहा कि प्रदेश में विकास का काम द्रुत गति से चलता रहेगा, साथ-साथ समाज सुधार का काम भी जारी रहेगा। समाज सुधार के कामों से बिहार की तस्वीर बदल रही है। समाज में शांति, प्रेम एवं सदभाव बनी रहे, यह जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार में कानून का राज कायम है और उनकी सरकार इससे कोई समझौता नहीं करेगी। समारोह को उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, ऊर्जा सह मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार समेत अन्य लोगों ने भी संबोधित किया।
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