नयी दिल्ली, 05 अप्रैल, विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही आज लगातार 21 वें दिन भी नहीं चल पायी जिसके कारण भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक राज्यसभा में लटक गया और लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस नहीं लिया जा सका । लोकसभा की कार्यवाही शुरु होते ही कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के पास आकर भारी हंगामा शुरु कर दिया जिसके कारण अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को कार्यवाही पहले 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी । सदन की कार्यवाही पुन: शुरू होने पर वही नजारा दिखायी दिया । शोर-शराबे के बीच ही अध्यक्ष ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये। इसके बाद उन्होंने सदन को बताया कि कांग्रेस के मलिकार्जुन खडगे, तेलुगुदेशम् पार्टी के थोटा नरसिम्हन, वाई.एस.आर. कांग्रेस के वाई.वी. सुब्बा रेड्डी, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन.के. प्रेमचंद्रन आदि सदस्यों से उन्हें अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस मिले हैं। उन्होंने हंगामा कर रहे अन्नाद्रमुक के सदस्यों से सदन में व्यवस्था बनाने के लिए अपनी-अपनी सीटों पर जाने की अपील करते हुए कहा कि वह अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस के समर्थन में खड़े सदस्यों को गिन नहीं पा रही हैं, लेकिन इन सदस्यों पर अपील का असर नहीं हुआ । इस बीच संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को तैयार है, लेकिन कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दल खुद ही चर्चा को लेकर गम्भीर नहीं हैं। उन्होंने कांग्रेस पर सदन में गतिरोध जारी रखने का आरोप भी लगाया। हंगामा न थमता देखकर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी।
गुरुवार, 5 अप्रैल 2018
संसद की कार्यवाही 21 वें दिन भी नहीं चली
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