पटना 11 अप्रैल, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री के नाते आवास पर तैनात सुरक्षाकर्मियों की संख्या कल रात घटाये जाने से नाराज श्रीमती राबड़ी देवी के साथ उनके पुत्र तेजस्वी यादव ने नेता प्रतिपक्ष और श्री तेज प्रताप यादव ने विधायक के रूप में मिली पूरी सुरक्षा आज वापस कर दी । श्रीमती राबड़ी देवी ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के नाते श्री लालू प्रसाद यादव और उनकी सुरक्षा के लिए बिहार सैन्य पुलिस बल (बीएमपी) दो के कमाण्डो की प्रतिनियुक्ति वर्ष 2005 में ही की गयी थी, लेकिन कल देर रात इस सुरक्षा व्यवस्था को हटा दिया गया । उन्होंने कहा कि उनके साथ और आवास पर मात्र दिखावे के लिए सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जरूरत नहीं है इसलिए वह शेष रह गये सभी सुरक्षाकर्मी और सरकार की गाड़ी को वापस करती हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पूरे परिवार की हत्या कराने की साजिश हो रही है लेकिन अब जनता उनकी सुरक्षा करेगी । उन्होंने कहा कि यदि अब उनके या परिवार के साथ किसी प्रकार की अप्रिय घटना होती है तो इसके लिए नीतीश सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार होगी ।
श्रीमती राबड़ी देवी ने बाद में पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि उनकी और उनके पूरे परिवार की हत्या की साजिश श्री नीतीश कुमार और श्री सुशील कुमार मोदी रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार पूर्व मुख्यमंत्री के नाते मिले घर को भी खाली करने के लिए चिट्ठी लिखती है तो वह उसे खाली कर देंगी। इससे पहले सुबह जब पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर शेष रह गये सुरक्षागार्ड ड्यूटी पर आये तब उन्हें वापस लौटा दिया गया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव और श्रीमती राबड़ी देवी ने बाडीगार्ड लेने से भी इंकार कर दिया है। इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक शक्ति यादव ने कहा कि उनके नेता को ही यदि सुरक्षा नहीं मिलती है तो पार्टी के सभी विधायक और विधान पार्षद भी अपनी सुरक्षा लौटा देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार बदले की भावना से काम कर रही है इसलिए उसने पहले केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को घर पर भेजा और देर रात सुरक्षाकर्मियों को वापस बुला लिया । गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर बीएमपी के 32 कमांडों की तैनाती थी । सुरक्षा में कटौती के संबंध में अपर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय एस के सिंघल ने कहा कि महत्वपूर्ण व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करने को समिति बनी है। यह समिति व्यक्तियों के पद और उनपर मौजूद खतरों का आकलन कर सुरक्षा इंतजाम करती है। समय-समय पर इसकी समीक्षा होती है और निर्णय लिए जाते हैं।
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