आर्यावर्त डेस्क,जमशेदपुर ,4 अप्रैल ,2018, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जमशेदपुर में बस्तियों को लीज दिए जाने के सम्बन्ध में कहा कि अन्य राज्यों में प्रचलित दरों का तुलनात्मक अध्ययन करने के बाद सर्वाधिक सरलीकृत प्रणाली और न्यूनतम मूल्य को झारखंड के लिए अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि गैर कंपनी क्षेत्र में बरसों से अपने खून पसीने की गाढ़ी कमाई से निर्मित घरों में रहने वाले बस्तीवासियों के लिए ,जिन्हे आज तक अनधिकृत बस्ती के रूप में संबोधित किया जाता था,सरकार का यह फैसला अविस्मरणीय होगा. झारखंड की तमाम वैसी बस्तियां जो 1/1/85 के पूर्व या 30 वर्षों के पूर्व से बसी हुई है उन्हें अधिकृत करने के सरकार के निर्णय की शुरूआत आवेदन पत्र वितरण के साथ हो रही है. जमशेदपुर के बिरसानगर में बस्तीवासियों के लीज प्रदत्त कैंप समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने उन्हें राज्य का मुख्य सेवक बनाया है तो जनता को सर्व सुविधा उपलब्ध करना उनका दायित्व है. राज्य में बरसों से लंबित समस्याएं और जटिल मुद्दों पर सरकार ने प्रतिबद्ध होकर जन हित को सर्वोपरि रखते हुए प्रगतिगामी निर्णय लिए हैं. स्थानीय नीति को परिभाषित करना, खास महल के लीज नवीकरण को सुलझाना और सरलीकृत करना, ग्रामीण क्षेत्र में गरीब भूमिहीन किसानों को 12.5 डिसमिल जमीन देना, भूमिहीन किसानों को 5 एकड़ जमीन खेती हेतु देने जैसे कुछ महत्वपूर्ण निर्णय सरकार ने लिए हैं.उन्होंने कहा कि वर्षों से क्षेत्रवासियों के अधिकृत बस्तियों की मांग को पूरा करते हुए वे हर्षित हैं. अब बस्तीवासी सीधे सरकार की लीज अंतर्गत रहेंगे यह सबसे बड़ी उपलब्धि है. लीज बंदोबस्ती कैंप समारोह को पूर्वी सिंहभूम जिला उपायुक्त अमित कुमार ने भी सम्बोधित किया. इस अवसर पर तमाम बस्तीवासियों के साथ भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग पदाधिकारी धर्मेंद्र पांडे, पूर्वी सिंहभूम के वरीय आरक्षी अधीक्षक अनूप बिरथरे, उप विकास आयुक्त बी. माहेश्वरी, बस्ती विकास समितियों के पदाधिकारी, सदस्यगण उपस्थित थे.
बुधवार, 4 अप्रैल 2018
जमशेदपुर : अब बस्तीवासी सीधे सरकारी लीज के अधीन : रघुवर
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