किसान समृध्द होगा तो प्रदेश समृध्द होगा - मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान
- मुख्यमंत्री द्वारा छीपानेर उद्वहन सिंचाई योजना का शिलान्यास व समूह नल जल योजना का लोकार्पण
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि सरकार किसानों के हित के लिये हर संभव कदम उठा रही है। प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने के लिये सिंचाई का रकबा बढ़ा है। जहां नहरों के माध्यम से सिंचाई संभव नही है, वहां उद्वहन सिंचाई योजनाऐं बनाकर किसानों के खेतों में पानी पहुंचाया जा रहा है। बजट में विभिन्न किसान कल्याण योजनाओं के माध्यम से लगभग 20 हजार करोड़ रू. किसानों के खातों में पहुंचाने की व्यवस्था की गयी। किसान को उसके पसीने की पूरी कीमत मिले यह हमारा संकल्प है। वे आज सीहोर जिले के नसरूल्लागंज तहसील के ग्राम गोपालपुर, छीपानेर माइक्रो उदवहन सिंचाई योजना के शिलान्यास और 21.69 करोड़ रू. की लागत से बनी समूह नल-जल योजना के लोकार्पण के बाद किसान सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लगभग दो करोड़ की लागत से बने प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र के भवन का भी लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह पहला मौका है, जब सरकार पिछले साल बेची गई गेहूं फसल पर भी प्रोत्साहन राशि दे रही है। आगामी 16 अप्रैल को शाजापुर में मुख्य कार्यक्रम आयोतिजत कर पिछली बार समर्थन मूल्य पर फसल बेचने वाले किसानों को दो सौ रूपये प्रति क्विंटल के मान से राशि उनके खातों में जमा करायेगी। सरकार करीब दस लाख किसानों के खातों में 16 सौ करोड़ रू. की राशि जमा कराई जायेगी। प्रदेश हर जिला मुख्यालय पर किसानों के खातों मे पैसा जमा कराने का कार्य समारोह पूर्वक किया जायेगा। इस बार भी किसानों को मण्डियों में गेहूं बेचने पर 265 रूपये प्रति क्विंटल के मान से प्रोत्साहन राशि दे रही है। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के किसानों के लिये चना, मसूर और सरसों की खरीद समर्थन मूल्य पर कर रही है। इन फसलों की बिक्री करने वाले किसानों को भी समर्थन मूल्य के अलावा 100 रूपये प्रति क्विंटल के मान से प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। जो किसान मंडी के बाहर गेहूं चने की ब्रिकी करेंगें उन्हे भी भावांतर योजना के तहत लाभन्वित किया जायेगा। ऋण समाधान योजना के अन्तर्गत कुल ऋण पर ब्याज और चक्रवृति ब्याज का भुगतान सरकार द्वारा किया जायेगा। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिये चलाये जा रहे पंजीयन अभियान का उल्लेख करते हुये मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अभी तक एक करोड़ 75 लाख से अधिक श्रमिकों का पंजीयन किया जा चुका है। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की श्रेणी में ढाई एकड़ तक क्षेत्र वाले किसानों को भी शामिल किया गया है। पंजीयन के पश्चात इन श्रमिकों को विभिन्न शासकीय सुविधाओं का लाभ मिलने लगेगा। पंजीयन कराने वाले श्रमिकों को घर बनाने के लिये जमीन का पट्टा और आर्थिक सहायता सरकार देगी। फलेट रेट 200 रू. मासिक के मान से बिजली उपलब्ध कराई जायेगी। इस अवसर पर मध्यप्रदेश वन विकास निगम अध्यक्ष श्री गुरूप्रसाद शर्मा, अपेक्स बैंक के प्रशासक श्री रमाकांत भार्गव, म.प्र. वेयर हाउसिंग कार्पोरेषन के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह राजपूत, विधायक आष्टा श्री रणजीत सिंह गुणवान, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उर्मिला मरेठा , सीसीबी अध्यक्ष श्रीमती उषा सक्सेना सहित अन्य जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी तथा बड़ी संख्या में जनसमुदाय उपस्थित था।
छीपानेर माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना
छीपानेर माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना से सीहोर जिले की नसरूल्लागंज तहसील और देवास जिले की खातेगांव तहसील के नर्मदा नदी के किनारे ऊंचाई पर बसे गांवों की लगभग साढ़े छियासी हजार एकड़ में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। खेतों तक सिंचाई का पानी पहुंचाने में लगभग 516.11 करोड़ रूपये की लागत आयेगी। योजना का निर्माण 36 महीने में पूरा करने का लक्ष्य है। जल वितरण प्रणाली पाइप आधारित होगी। पानी के दबाव पर आधारित इस प्रणाली से किसान ड्रिप या स्प्रिंकलर पद्धति से सिंचाई की सुविधा मिलेगी। छीपानेर में स्थित वर्तमान घाट के पास नर्मदा के दायें तट पर संरक्षण कार्य तथा घाट निर्माण किया जायेगा। घाट के समीप नर्मदा नदी के प्रवाह को अविरल बनाने के लिये चैनल का निर्माण प्रस्तावित है। घाट पर चलित चेंजिंग रूम और प्रसाधन कक्ष का भी निर्माण होगा। रात्रि के समय घाट क्षेत्र में प्रकाश व्यवस्था का प्रावधान भी रखा गया है। इस घाट के साथ चार अन्य घाटों के संरक्षण तथा नये घाटों का निर्माण भी किया जायेगा। इन सभी कार्यों पर 76.7 करोड़ रूपये की राशि खर्च होने का अनुमान है।
सफलता की कहानी : शासन की योजना मे लिया स्प्रिंकलर, खेती बनी लाभ का धंधा
सीहोर जिले की नसरूल्लागंज तहसील मुख्यालय के निवासी लगभग डेढ़ एकड़ भूमि के कृषक श्री रिती कुमार बताते हैं कि मे अपनी कृषि भुमि मे बरहा पध्दति सें फसल में सिचाई की जाती थी जिसमे पानी का अपव्य अधिक होता था, मेरे कुँए में पानी की कमी होने के कारण फसलों मे सिचाई समय पर नही कर पाता था। मुझे कृषि विभाग से विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त हुई मैनें कृषि विभाग की एन. एफ. एस. एम. दलहन योजना में स्प्रिंकलर सेट क्रय किया जिस पर मुझे 12,000/- रुपयें अनुदान प्राप्त हुआ स्प्रिंकलर सें सिंचाई करने पर मेरे पास पानी का उपलब्धता का उपयोग सही रहा है खासकर मेरे द्वारा बोई गई चना फसल की मुझे पैदावार अच्छी प्राप्त हुई। मेरे अनूभव के अनुसार सामान्य सिचाई की अपेक्षा स्प्रिंकलर से फसलो मे सिचाई करना अधिक लाभप्रद है। में जिले के अन्य कृषकों से भी आग्रह करता हूँ कि शासन की इस योजना का लाभ प्राप्त कर जल संरक्षण एवं वैज्ञानिक सिंचाई द्वारा अधिक उत्पादन प्राप्त कर खेती को लाभ का धंधा बनाएं।
दैनिक वेतनभोगी श्रमिक हेतु स्थायी कर्मियों को विनियमित करने संबंधी बैठक 16 को
कार्यरत दैनिक वेतनभोगी श्रमिक के लिए स्थायी कर्मियों को विनियमित करने की योजना के संबंध में 16 अप्रैल,2018 को समय सीमा बैठक के पश्चात बैठक आयोजित की गई है। इस सिलसिले में कलेक्टर श्री तरूण कुमार पिथोडे द्वारा जिले के समस्त कार्यालय प्रमुखों को निर्देशित किया गया है कि वे नियत तिथि एवं समय पर निर्धारित प्रपत्र की जानकारी एवं आवश्यक दस्तावेज सहित बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहना सुनिश्चित करें।
जिला योजना समिति की बैठक 16 को
जिला योजना समिति की बैठक 16 अप्रैल,2018 को दोपहर 1 बजे कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई है। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश के लोक निर्माण विभाग तथा सीहोर जिला प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह करेंगे। जिला योजना अधिकारी सीहोर ने बताया कि बैठक में विभागीय कार्यक्रमों, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की समीक्षा की जाएगी। बैठक में गत बैठक में लिए गए निर्णयों के पालन प्रतिवेदन पर चर्चा होगी तथा मा. अध्यक्ष महोदय की अनुमति से अन्य विषयों पर भी चर्चा की जाएगी। इस सिलसिले में जिला योजना समिति के सदस्यों सहित समस्त संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे नियत तिथि एवं समय पर अनिवार्य रूप से उपस्थित रहना सुनिश्चित करें।
जनपद पंचायत सीहोर के तीन जलाशयों को मछलीपालन हेतु 10 वर्षीय पट्टे दिए जाना प्रस्तावित
जिला पंचायत सीहोर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि राज्य शासन के निर्देशानुसार मत्स्य पालन नीति एवं त्रिस्तरीय पंचायतों को मत्स्योद्योग के अधिकार / कार्यक्रम अनुसार जनपद पंचायत सीहोर के अंतर्गत आने वाले जलाशयों को मछलीपालन हेतु कृषि स्थाई समिति की बैठक आयोजित कर 10 वर्षीय पट्टे दिए जाना है। जिन तालाबों के पट्टे दिया जाना है उनमें बरखेडी सीहोर जलाशय 21.110 औसत जल क्षेत्र हैक्टेयर में, रसूलपुरा जलाशय 14.100 औसत जल क्षेत्र हैक्टेयर में तथा सातनबाडी जलाशय 13.460 औसत जल क्षेत्र हैक्टेयर में है। तालाब जलाशय का पट्टा शासन के द्वारा निर्धारित निर्देशों एवं शर्तों पर प्राथमिकता अनुसार ही दिया जाएगा। पट्टा दिए जाने के संबंध में जनपद पंचायत का निर्णय अंतिम होगा।
जलाशय पट्टे पर देने की प्राथमिकता क्रम
जिला पंचायत सीहोर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि पट्टे पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियां / वंशानुगत मछुआ / अ.ज.जा./ पि.वर्ग/ सामान्य वर्ग की पंजीकृत सहकारी मछुआ समितियां रहेगा। इसी तरह मछुआ समूह (स्वसहायता समूह), वंशानुगत मछुआ अ.ज.जा./ पि.वर्ग/ सामान्य वर्ग रहेगा। पूर्व बकायादारों के आवदेन मान्य नही होंगे। आवेदन पत्र मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सीहोर के कार्यालय में 28 अप्रैल,2018 को सायं 5 बजे तक प्रस्तुत करना होगा। विलम्ब से प्राप्त आवेदन पत्र मान्य नहीं किए जाएंगे। पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों का आवेदन के साथ पंजीयन प्रमाण पत्र विगत एक वर्ष की आडिट रिपोर्ट एवं सदस्य सूची संलग्न करना अनिवार्य है। विशेष जानकारी हेतु जनपद पंचायत सीहोर कार्यालय में कार्यालयीन समय में संपर्क किया जा सकता है।
चना, मसूर एवं सरसों का उपार्जन, कार्य 9 जून, 2018 तक होगा
कलेक्टर श्री तरूण कुमार पिथोडे ने बताया कि राज्य शासन के निर्देशानुसार रबी विपणन वर्ष 2018-19 में समर्थन मूल्य योजनांतर्गत नेफेड हेतु सीहोर जिले में विपणन संघ के माध्यम से चना, मसूर एवं सरसों का उपार्जन कार्य 9 जून, 2018 तक किया जाएगा। सीहोर जिले में शासन द्वारा मण्डी / उपमण्डी में 20 उपार्जन केन्द्र बनाये गये है। रबी विपणन मौसम 2018-19 अंतर्गत किसानों से समर्थन मूल्य पर चना, मसूर एवं सरसों उपार्जन हेतु कलेक्टर श्री तरूण कुमार पिथोडे द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं।
उपार्जन अवधि एवं समर्थन मूल्य
जारी आदेशानुसार संपूर्ण प्रदेश में चना, सरसों एवं मसूर उपार्जनका कार्य 9 जून,2018 तक की अवधि में किया जाएगा। चना, सरसों एवं मसूर खरीदी के साप्ताहि कार्य दिवस अनुसार कृषकों से उपर्जान कार्य सप्ताह में 6 दिन सोमवार से शनिवार किया जाएगा। रविवार को शेष स्कंध का परिवहन एवं स्टॉक मिलान का कार्य किया जाएगा। भारत सरकार द्वारा रबी विपणन मौसम 2018-19 हेतु औसत अच्छी गुणवत्ता के चना का मूल्य 4400 रूपये प्रति क्विंटल, मसूर का मूल्य 4250 रूपये प्रति क्विंटल तथा सरसों का मूल्य 4000 रूपये प्रति क्विटल घोषित किया गया है। उक्त उपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी निर्धारित मंडी, उपमंडी परिसरों एवं अनुमोदित निर्धारित गोदाम में की जाएगी। जिला स्तरीय कमेटी खरीदी के पर्यवेक्षण, स्कंध की गुणवत्ता एवं समस्त विवादों का अंतिम निराकरण तथा अन्य विषयों पर निर्णय लेने हेतु सक्षम होगी।
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