मोतिहारी 10 अप्रैल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वच्छता अभियान को जरूरी बताते हुये आज कहा कि इससे देश के विकास को और गति मिलेगी। श्री कुमार ने यहां गांधी मैदान में चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी के समापन समारोह में ‘सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह’ अभियान के तहत देशभर से आये स्वच्छाग्रहियों को संबोधित करते हुये कहा कि इस तरह का स्वच्छता अभियान जरूरी है और इससे देश के विकास को गति मिलेगी। उन्होंने आजादी के बाद देश में स्वच्छता की दिशा में ठीक से काम नहीं होने पर चिंता प्रकट करते हुये कहा कि इस दौरान स्वच्छता पर ठीक से अमल नहीं किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने चंपारण के लोगों को स्वच्छता, स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति जागरूक बनाया। वह स्वच्छता पर जोर देते थे। उन्होंने कहा कि गांधी जी के बाद यदि किसी ने स्वच्छता का मुद्दा उठाया तो वह समाजवादी चिंतक डॉ. राममनोहर लोहिया थे। उन्होंने 50 के दशक में ही कहा था कि यदि देश में महिलाओं के लिए शौचालय का निर्माण हो जाए तो वह तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू का विरोध करना छोड़ देंगे।
श्री कुमार ने कहा कि राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती के अवसर पर देश को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि बिहार को ओडीएफ की दिशा में ले जाने के लिए तेजी से काम चल रहा है। राज्य सरकार ने प्रदेश को ओडीएफ बनाने के लिए एक अभियान चलाया है। साथ ही हर घर में नल का जल, बिजली एवं पक्की गली-नाली उपलब्ध कराने के लिए भी काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि पीने का स्वच्छ पानी और खुले में शौच से मुक्ति मिल जाए तो होने वाली 90 प्रतिशत बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, “स्वच्छता के साथ-साथ हमें एक दूसरे की इज्जत करनी चाहिए। प्रेम और सद्भाव के साथ ही देश आगे बढ़ सकता है, तनाव और टकराव से नहीं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि राज्य सरकार लोगों को खुले में शौच से मुक्त करेगी। जिस गरीब के पास शौचालय नहीं है, उनके लिए कई शौचालय एक साथ बनाने की हमारी योजना है। बिहार में शौचालय निर्माण के बाद प्रत्येक परिवार को शौचालय की एक चाबी दे दी जाती हैं। वहीं, शौचालय बनाने के लिए सरकार 8000 रुपये देती है और केंद्र से चार हजार रुपये मिलते हैं।”
श्री कुमार ने कहा, “गांधी जी के बिहार आगमन का आज 101वां साल है। हमारा संकल्प है कि हम घर-घर तक गांधी जी के विचारों को पहुंचाएंगे। गांधी जी का कथावाचन प्रत्येक स्कूल में कराया जाएगा। कथा संग्रह का काम पूरा कर लिया गया है। उनके विचारों से नई पीढ़ी को अवगत कराना है।” उन्होंने कहा कि यदि 10 से 15 प्रतिशत लोगों ने भी गांधी जी के विचारों को अपना लिया तो समाज और देश बदल जायेगा तथा हिंसा से छुटकारा मिल जाएगा। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, अश्विनी चौबे, गिरिराज सिंह, रामकृपाल यादव, एस. एस. अहलुवालिया, बिहार सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह समेत अन्य जनप्रतिनिधि, वरीय पदाधिकारी, विशिष्ट अतिथि, स्वच्छता अभियान से जुड़े स्वच्छाग्रही एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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