28 साल से भटक रही विधवा को सेवानिवृत्त लाभ के निर्देश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 19 मई 2018

28 साल से भटक रही विधवा को सेवानिवृत्त लाभ के निर्देश

allahabad-hc-order-pay-backlog-myrtles-vidoew
इलाहाबाद, 18 मई, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 28 साल से पति की मृत्यु के बाद सेवानिवृत्त परिलाभों के भुगतान के लिए दर-दर भटक रही विधवा को 28 मई तक सभी बकाया भुगतान करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने डायरेक्टर पेंशन उत्तर प्रदेश को याची को फार्म भरने में सहयोग देकर बकाया भुगतान कर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। न्यायालय ने कहा है कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो न्यायालय भारी हर्जाना लगाने पर विचार करेगी। न्यायमूर्ति एस.पी.केशरवानी ने सोमिना खातून की याचिका पर आज यह आदेश दिया। मामले के अनुसार याची 80 साल की अनपढ़ विधवा है। उसका पति सीएमएस कार्यालय मिर्जापुर में कार्यरत था। उसकी 1989 में मौत हो गयी लेकिन उसे सेवानिवृत्त परिलाभों का भुगतान नहीं किया गया। विभाग का कहना था कि याची को फार्म भरकर जमा करना था। बुलाये जाने के बाद भी आज तक फार्म भरकर जमा नहीं किया गया। उसे फेमिली पेंशन दी जा रही है। अन्य परिलाभों का भुगतान नहीं किया जा सका। इस पर न्यायालय ने आश्चर्य व्यक्त कर कहा कि अधिकारी अनपढ़ विधवा की मदद करने के बजाए उसके कार्यालय आकर फार्म भरने का इंतजार कर रहे हैं और निराधार आपत्ति कर रहे हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: