डूमर. काले मंडराते बादलों से किसान भयभीत हो रहे हैं.पिछले दो दिनों से झमाझम बारिश हुई है.इस बारिश से किसानों को भरपूर नुकशान हो रहा है.जिनके पास मकई को ढंकने की व्यवस्था नहीं है उनका मकई का दाना को सड़ने का आसार बढ़ गया है. हरि मंडल नामक किसान का कहना है कि मकई काटने के बाद मकई के दानों को धूप में सूखने के लिए रखते हैं. इस समय मक्का 1120 रू.किंवटल बिक रहा है. बरसात होने से मसला गंभीर हो गयी है.जिनके पास मक्का ढंकने का साधन है,तब भी जमीन से पानी पसीजकर दाना खराब कर दे रहा है.वहीं जिसके पास ढंकने का साधन नहीं है,उसका भगवान ही रक्षक है. मक्का का रंग सफेद हो जाने की कम हो जाती है.वहीं सड़ जाने की संभावना अधिक हो जाती है.
मंगलवार, 1 मई 2018
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