क़तर (आर्यावर्त डेस्क) 16 मई 2018 को शमशुल हूडा नामक एक व्यक्ति ने क़तर से एक विडियो शेयर किया जिसमे Advance Vision नामी एक कंपनी में 147 भारतीय मजदूरों के फंसे होने की बात कही गयी थी. जिस वीडियो में यह भी कहा गया था कि उन भारतीय मजदूरों को पिछले तीन महीने से तनखाह नहीं मिली है, उनकी कंपनी बंद हो गयी है और वो भारतीय मजदूर खाने पीने के लिए भी परेशान हैं उनकी कंपनी से उन्हें खाना मिलता है वो बंद कर दिया गया है. फेसबुक पर कुछ ही देर में ये विडियो वायरल हो गया और इसे लगभग एक हजार लोगों ने शेयर किया और कई हजार लोगों ने इस विडियो को देखा. इस विडियो के शेयर किये जाने के कुछ ही घंटे बाद क़तर में काम करने वाली एक स्वयंसेवी संस्था इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ बिहार एंड झारखण्ड (IABJ) के मीडिया सेक्रेटरी मोहम्मद खालिद हुसैन की इस विडियो पर नज़र पड़ी. उन्होंने इस मुद्दे पर फ़ौरन ही संज्ञान लेते हुए IABJ के वेलफेयर सेक्रेटरी इरफ़ान हसन अंसारी से संपर्क किया और फिर IABJ की एग्जीक्यूटिव कमिटी के सदस्यों को इस घटना से अवगत कराया. तब तक इस घटना के बारे में बिहार से संचालित होने वाले कुछ वेब पोर्टल्स ने काफी झूठी अफवाहें फैला दिन और इस मुद्दे को बहुत बढ़ा-चढ़ा कर बताया. किसी वेब पोर्टल ने सैकड़ों लोगों के फंसे हुए भारतियों की बात की तो किसी ने हजारों लोगों के फंसे होने की बात की. हालाँकि किसी भी न्यूज़ पोर्टल ने सही जानकारी उपलब्ध नहीं कराई.
शुक्रवार दिनांक 18 मई 2018 को IABJ के एग्जीक्यूटिव कमिटी की पांच सदस्सीय टीम क़तर के शाहानिया क्षेत्र में Advance Vision कंपनी के लेबर कैम्प जा पहुंची. इस पांच सदस्सीय टीम टीम में IABJ के अध्यक्ष मोहम्मद गुफरान, वेलफेयर सेक्रेटरी इरफ़ान हसन अंसारी, मीडिया सेक्रेटरी मोहम्मद खालिद हुसैन, जॉइंट सेक्रेटरी इम्तियाज़ अहमद और सदरुज्जमान साहब शामिल थे. वहां उन भारतीय मजदूरों से मिलने के बाद पता चला की उन में कुल 147 लोग हैं जिन में की लगभग 4 लोग दक्षिण भारत से और लगभग 7 लोग उत्तरप्रदेश से और बाकि के सभी लोग बिहार से हैं. ये सच है की उन सभी मजदूरों की तीन महीने की तनखाह बाकी है जो की अब तक नहीं मिली है. और यह मामला पूरी तरह से भारतीय दूतावास के संज्ञान में है. भारतीय दूतावास की मदद से Advance Vision कंपनी पर मुकद्दमा दायर कर दिया गया है. भारतीय दूतावास ने जल्दी ही उन मजदूरों की बकाया तनखाह दिलाकर उनको घर वापस भेजने का बंदोबस्त करने की बात की है. लेबर कैम्प में उन लोगों को खाने पीने की थोड़ी दिक्कत ज़रूर आई थी जिसे की कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से हल कर दिया गया है. IABJ के अध्यक्ष मोहम्मद गुफरान ने इस मामले पर भारतीय दूतावास में बात कर के उन भारतीय मजदूरों की हर संभव मदद करने की बात कही है. भारतीय दूतावास के फर्स्ट सेक्रेटरी मोहम्मद अलीम साहब ने भी हर संभव मदद करने का वादा किया है. IABJ के अध्यक्ष मोहम्मद गुफरान ने IABJ की ओर से शनिवार दिनांक 19 मई को उन सभी 147 लोगों को अफ्तार की और रात के खाने की दावत दी है. ज्ञात हो की IABJ एक ऐसी संस्था है जो कि भारतीय दूतावास से मान्यता प्राप्त है और पिछले कई दशकों से क़तर में रह रहे बिहार और झारखण्ड के प्रवासी भारतियों की उन्नति के लिए काम कर रही है. IABJ क़तर में रह रहे बिहार और झारखण्ड के प्रवासी भारतियों की क़तर के कानून के दायरे में रहकर हर संभव मदद करती है. यह रिपोर्ट लिखे जाने तक IABJ के अध्यक्ष मोहम्मद गुफरान व्यक्तिगत रूप से भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं और उन सभी 147 भारतीय मजदूरों की हर संभव मदद के लिए पूरी तरह से प्रयासरत हैं.
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