पटना (वीरेंद्र यादव न्यूज़) केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान नरेंद्र मोदी सरकार की चार साल की उपलब्धियों की चर्चा के लिए संपादकों को ‘कॉल’ किया था। साढ़े तीन बजे से संपादकों के साथ ‘एडिटर मीट’ था। करीब डेढ़ घंटा तक रामविलास पासवान ने उपलब्धियों का ‘मोदी चालीसा’ का पाठ किया। कुछ सवाल भी आये और जवाब भी आये। एक संपादक के सवाल पर रामविलास पासवान उखड़ गये और संपादक से पूछ बैठे कि आप सवाल पूछने वाले कौन होते हैं। यही है मोदी सरकार की चार की उपलब्धि कि पत्रकार से पूछा जा रहा है कि आप सवाल पूछने वाले कौन होते हैं? एडिटर मीट में शामिल पत्रकारों को एक झोला भी थमाया गया। झकाझक झोला। गुब्बारा के तरह फुला हुआ। उस झोले में केंद्र सरकार की उपलब्धियों से जुड़ी कई पुस्तिकाओं के साथ अन्य सामग्री थी। उसमें एक मैडल भी था। मैडल पर ‘स्वर्ण कलम’ की आकृति बनी थी और उसके निचले हिस्से में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी लगी हुई थी। तस्वीर के साथ एक नारा भी लिखा हुआ था- साफ नीयत, सही विकास। संपादकों के बीच उपलब्धियों की जानकारी देना, उसके लिए सामग्री मुहैया कराना सरकारी तंत्र की जिम्मेवारी है। चार साल पर संपादकों को मैडल देना भी स्वाभाविक है। लेकिन मैडल के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर संपादकों को थमा देना कौन सी सरकार की प्रचार नीति है। रामविलास पासवान दोपहर 1 बजे प्रेस वार्ता में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे चुके थे। फिर प्रेस वार्ता के बाद संपादकों के साथ अलग से बैठक कर कौन सी ‘गोपनीय सूचना’ रामविलास पासवान शेयर करना चाहते थे। बैठक में शामिल कुछेक संपादकों से ‘गोपनीय सूचना’ के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की, लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा। हाथ लगा तो एक झोला, झोले में ‘मोदी चालीसा’ और मोदी मैडल।
बुधवार, 30 मई 2018
पासवान के संपादक सम्मेलन में बंटा ‘मोदी चालीसा’
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