मोदी किसी के साथ भेदभाव नहीं कर रहे : रामविलास पासवान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 30 मई 2018

मोदी किसी के साथ भेदभाव नहीं कर रहे : रामविलास पासवान

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पटना 29 मई, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख और केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि सबका साथ सबका विकास के मूल मंत्र पर चल रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने चार साल के कार्यकाल में अब तक न कोई विवादास्पद निर्णय लिया और न ही किसी की भावना को ठेस पहुंचाने वाला बयान ही दिया है, यही वजह है कि समाज में नफरत फैलाने वाले प्रवीण तोगड़िया जैसे लोग आज उनके विरोधी हो गये हैं। श्री पासवान ने यहां मीडिया संस्थानों के संपादकों और ब्यूरो प्रमुखों के साथ बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने चार साल के कार्यकाल में साबित कर दिया है कि वे सबका साथ सबका विकास के मूल मंत्र पर चल रहे हैं। उन्होंने अब तक न कोई विवादास्पद निर्णय लिया है और न ही किसी की भावना को ठेस पहुंचाने वाला बयान ही दिया है। आज प्रवीण तोगड़िया जैसे लोग जो समाज में नफरत पैदा कर रहे थे वे श्री मोदी के विरोधी हो गये हैं और कांग्रेस के लिए प्रिय हो गये हैं। लोजपा नेता ने कहा कि दलितों तथा मुसलमानों को भाजपा के नाम पर डराया जा रहा है लेकिन दलित तो डर नहीं रहे हैं। कर्नाटक समेत अन्य चुनावों का परिणाम यह बता रहा है कि दलितों के वोट का बड़ा हिस्सा भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को सोचना चाहिए कि कब तक लोग उन्हें वोट के लिए डराते रहेंगे।

श्री पासवान ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि यदि कोई संप्रदाय के आधार पर नफरत पैदा करने वाली भाषा का इस्तेमाल करता है चाहे वह किसी भी दल से जुड़ा व्यक्ति क्यों न हो उसकी तीव्र निंदा होनी चाहिए लेकिन जहां तक ऐसी भाषा का सवाल है देश में पहली बार ऐसा नहीं हो रहा है। कुछ लोग पहले भी इसी तरह की नफरत फैलाने वाली भाषा का इस्तेमाल करते थे। उन्होंने कहा कि गौर करने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हमेशा ऐसी भाषा का इस्तेमाल करने वालों की निंदा ही की है और उन्होंने अब तक बाबरी मस्जिद-राम मंदिर, धारा 370 और समान नागरिक संहिता समेत अन्य किसी भी विवादास्पद मुद्दे पर कोई बात नहीं कही है। लोजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को वोट मुसलमानों का चाहिए लेकिन वे उसे पद नहीं देंगे। वे उनका इस्तेमाल वोट के लिए बंधुआ मजदूर की तरह करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश जैसा राज्य जहां मुसलमानों की आबादी सबसे ज्यादा है लेकिन आज तक उस प्रांत का मुख्यमंत्री कोई मुसलमान नहीं बना। यह साबित करता है कि कांग्रेस मुसलमानों का इस्तेमाल सिर्फ वोट बैंक के तौर पर करती रही है।

श्री पासवान ने कहा कि वर्ष 2005 में फरवरी के बिहार विधानसभा चुनाव में जब किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था तब उन्होंने प्रस्ताव दिया था कि किसी मुस्लिम को मुख्यमंत्री बनाया जाये लेकिन उस समय उनके प्रस्ताव को किसी ने नहीं माना। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार धर्म या जाति के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं कर रही है। उसके कार्यक्रमों और योजनाओं का लाभ सभी को मिल रहा है। पहले लोगों की यह धारणा थी कि भाजपा सिर्फ हिन्दुओं और अमीरों के हितों का ही ध्यान रखती है लेकिन श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने चार साल के अपने कार्यकाल में यह साबित कर दिया है कि वह गरीबों की सबसे बड़ी हितैषी है और सभी धर्मों को साथ लेकर चल रही है। लोजपा नेता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह दावे के साथ कह सकते हैं कि दलितों और अल्पसंख्यकों के प्रति श्री कुमार की नीयत पर कोई सवाल नहीं खड़ा कर सकता है। आज श्री कुमार और उनके जैसे लोग भाजपा के साथ राजग में हैं जो कभी भी धर्मनिरपेक्षता के साथ समझौता नहीं कर सकते हैं। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुए विवाद के संबंध में कहा कि चुनाव के समय लोग तरह-तरह के मुद्दे को उठाते हैं लेकिन चुनाव बाद मामला शांत हो जाता है। चुनाव भी होली की तरह है जिसमें लोग हर तरह के रंग से खेलते हैं और बाद में गले मिलकर साथ रहते हैं।

श्री पासवान ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि यदि कोई संप्रदाय के आधार पर नफरत पैदा करने वाली भाषा का इस्तेमाल करता है चाहे वह किसी भी दल से जुड़ा व्यक्ति क्यों न हो उसकी तीव्र निंदा होनी चाहिए लेकिन जहां तक ऐसी भाषा का सवाल है देश में पहली बार ऐसा नहीं हो रहा है। कुछ लोग पहले भी इसी तरह की नफरत फैलाने वाली भाषा का इस्तेमाल करते थे। उन्होंने कहा कि गौर करने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हमेशा ऐसी भाषा का इस्तेमाल करने वालों की निंदा ही की है और उन्होंने अब तक बाबरी मस्जिद-राम मंदिर, धारा 370 और समान नागरिक संहिता समेत अन्य किसी भी विवादास्पद मुद्दे पर कोई बात नहीं कही है। लोजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को वोट मुसलमानों का चाहिए लेकिन वे उसे पद नहीं देंगे। वे उनका इस्तेमाल वोट के लिए बंधुआ मजदूर की तरह करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश जैसा राज्य जहां मुसलमानों की आबादी सबसे ज्यादा है लेकिन आज तक उस प्रांत का मुख्यमंत्री कोई मुसलमान नहीं बना। यह साबित करता है कि कांग्रेस मुसलमानों का इस्तेमाल सिर्फ वोट बैंक के तौर पर करती रही है। 

श्री पासवान ने कहा कि वर्ष 2005 में फरवरी के बिहार विधानसभा चुनाव में जब किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था तब उन्होंने प्रस्ताव दिया था कि किसी मुस्लिम को मुख्यमंत्री बनाया जाये लेकिन उस समय उनके प्रस्ताव को किसी ने नहीं माना। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार धर्म या जाति के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं कर रही है। उसके कार्यक्रमों और योजनाओं का लाभ सभी को मिल रहा है। पहले लोगों की यह धारणा थी कि भाजपा सिर्फ हिन्दुओं और अमीरों के हितों का ही ध्यान रखती है लेकिन श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने चार साल के अपने कार्यकाल में यह साबित कर दिया है कि वह गरीबों की सबसे बड़ी हितैषी है और सभी धर्मों को साथ लेकर चल रही है। लोजपा नेता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह दावे के साथ कह सकते हैं कि दलितों और अल्पसंख्यकों के प्रति श्री कुमार की नीयत पर कोई सवाल नहीं खड़ा कर सकता है। आज श्री कुमार और उनके जैसे लोग भाजपा के साथ राजग में हैं जो कभी भी धर्मनिरपेक्षता के साथ समझौता नहीं कर सकते हैं। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुए विवाद के संबंध में कहा कि चुनाव के समय लोग तरह-तरह के मुद्दे को उठाते हैं लेकिन चुनाव बाद मामला शांत हो जाता है। चुनाव भी होली की तरह है जिसमें लोग हर तरह के रंग से खेलते हैं और बाद में गले मिलकर साथ रहते हैं।

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