- प्रत्येक बेरोजगार के लिए बेरोजगारी भत्ता का प्रबंध करे सरकार.
पटना 19 मई 2018, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना के तहत एससी-एसटी समदुाय के युवाओं के लिए ब्याजमुक्त कर्ज और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा को बेहद अपर्याप्त बताया है.उन्होंने कहा कि सरकार को सर्वप्रथम इस समुदाय से आने वाले प्रत्येक छात्र की शिक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए थी. आज भी इन समुदायों के अधिकांश बच्चे स्कूलों से बाहर हैं, लेकिन हम देख रहे हैं कि उलटे सरकार सरकारी विद्यालयों को बंद कर रही है. आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में कहीं भी गरीबों के बच्चों का नामांकन नहीं हो पा रहा है. इसलिए हमारी पार्टी की मांग है कि सरकार समान स्कूल प्रणाली आयोग की सिफारिशों को अविलंब लागू करे और एससी-एसटी समुदाय से आने वाले सभी बच्चों की शिक्षा की गारंटी करे. माले राज्य सचिव ने यह भी कहा कि हाल के दिनों में हमने देखा है कि एससी-एसटी छात्रों के आरक्षण के अधिकारों का विभिन्न प्रकार से हनन किया जा रहा है और उसमें कटौती की जा रही है. बिहार सरकार से हमारी मांग है कि संविधान प्रदत्त इस अधिकार की हिफाजत करने की गारंटी की जाए. अनुसूचित जाति-जन जाति समुदाय के अधिकांश लोग आज भी खेती पर निर्भर हैं, लेकिन बिहार सरकार भूमि सुधार आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं कर रही है. यदि इन समुदायों के सभी व्यक्ति को रोजगार प्रदान करना है, तो सबसे पहले भूमि सुधार आयोग की सिफारिशों को लागू करना होगा और जमीन का न्यायपूर्ण बंटवारा करना होगा. सभी गरीबों को वास-आवास की जमीन मुहैया कराकर ही उन्हें सशक्त बनाया जा सकता है. हमारी यह भी मांग है कि जब तक प्रत्येक युवक को रोजगार नहीं मिल जाता, जीवन यापन के लिए सरकार उनके लिए पांच हजार रूपये प्रत्येक माह बेरोजगारी भत्ता का प्रबंध करे.
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