- अटारीखेजड़ा में भागवत कथा का दूसरा दिन
विदिशा- अटारीखेजड़ा में चल रही सात दिवसीय संगीतमय कथा के दूसरे दिन कथावाचक गौवत्स पं.अंकितकृष्ण महाराज (बटुकजी) ने श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें हमेशा भगवान की भक्ति करना चाहिए , कई बार समाज में हमें उपेक्षा का शिकार भी होना पड़ता है लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए, सब की चिंता छोड़ प्रभु की भक्ति में रमें रहना चाहिए और हमेशा परोपकार की भावना मन में रखना चाहिए। महाराज श्री ने श्रीमद् भागवत कथा का सार बताते हुए कहा कि भागवत का वाचन करना और सुनना अति लाभ दायक है ये किस्तम वालों के लिए ही नसीब होता है उन्होंने कहा कि भागवत कथा सुनने से हमारे जीवन में अवरोध मिटते है। साथ ही भागवत का आश्रय करने वाला कोई भी दुखी नहीं होता है। भगवान शिव ने सुखदेव बनकर सारे संसार को भागवत सुनाई है। जिससे बड़े बड़े पापियों के कष्ट का निदान हो गया।
महाराज बटुकजी ने श्रोताओं को कर्मों का सार बताते हुए कहा कि अच्छे और बुरे कर्मो का फल भुगतना ही पड़ता है।इससे हम बच नहीं सकते हैं उन्होंने भीष्म पितामह का उदाहरण देते हुए कहा कि भीष्म पितामह 6 महीने तक वाणों की शैय्या पर लेटे थे। तब स्वंय श्री कृष्ण ने आकर उन्हें बोध कराया था कि आपने अपने पुराने जन्म में जब आप राजकुमार थे और घोडे पर सवार होकर कहीं जा रहे थे। उसी दौरान आपने एक नाग को जमीन से उठाकर फेंक दिया तो कांटों पर लेट गया था पर 6 माह तक उसके प्राण नहीं निकले थे। उसी कर्म का फल है जो आप 6 महीने तक वाणों की शैय्या पर लेटे है। इसका मतलब है कि कर्म का फल सभी को भुगतना होता है। उन्होंने कहा कि जब भीष्म पितामह स्वंय इससे महीं बच सके तो हम और आप तो बहुत दूर की बात है। इसलिए कर्म करने से पहले कई बार सोचना चाहिए। भागवत भगवान का अति प्रिय है जिसके सुनने से हमारे पापों का नाश होता है। कथा आयोजन समिति ने क्षेत्रवासियों से अपील की है कि वह अधिक से अधिक संख्या में कथा स्थल पर पधारकर धर्म का लाभ लें। कथा 6 मई तक प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक संकट मोचन हनुमान मंदिर अटारीखेजड़ा में चल रही है।
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