नई दिल्ली, 28 मई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि उज्जवला योजना प्रगति का प्रतीक बन गई है। उन्होंने कहा कि योजना उत्कृष्ट सामाजिक परिवर्तन ला रही है और इस परिवर्तन से देश का समग्र विकास प्रभावित हो रहा है। वह नरेन्द्र मोदी एप के जरिए उज्जवला योजना के लाभार्थियों से बात कर रहे थे, जिसे तथा विभिन्न समाचार चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित विभिन्न प्लेटफॉर्मो के माध्यम से 10 लाख लोगों ने इस संवाद कार्यक्रम को देखा। उज्जवला योजना के माध्यम से अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग चार करोड़ महिलाएं एलपीजी कनेक्शन प्राप्त कर चुकी हैं। 2014 से चार वर्षो में कुल मिलाकर लगभग 10 करोड़ नए एलपीजी कनेक्शन जारी किए गए हैं, जबकि वर्ष 1955 से 2014 के बीच लगभग छह दशकों में केवल 13 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी किए गए थे। अपने प्रारंभिक संबोधन में प्रधानमंत्री ने 1933 में लिखित मुंशी प्रेमचंद की कहानी का उदाहरण देते हुए गृहिणियों की जिंदगी को सहज बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उज्जवला से अनेक लाभ प्राप्त हुए हैं। स्वास्थ्य बेहतर हुआ है, जहरीले धुएं से मुक्ति मिली है और स्वच्छ ईंधन प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के पास अब अतिरिक्त आय अर्जित करने का बड़ा अवसर है, क्योंकि रसोई में लगने वाले समय में कमी हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने पर ध्यान दे रही है कि इस योजना में कोई बिचौलिया शामिल न हो और पारदर्शिता के साथ लाभार्थियों का चयन हो। उन्होंने कहा कि भारत में अब 69 प्रतिशत गांवों में एलपीजी पहुंच गई है, जबकि 81 प्रतिशत गांवों में एलपीजी की पहुंच 75 प्रतिशत से अधिक है। प्रधानमंत्री के साथ संवाद में लाभार्थियों ने बताया कि कैसे एलपीजी कनेक्शन ने खाना पकाने में लगने वाले समय को घटा दिया है और कैसे पूरे परिवार के लिए जीवन की गुणवत्ता बढ़ा दी है।
मंगलवार, 29 मई 2018
उज्जवला योजना प्रगति का प्रतीक : मोदी
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