लखनउ, दो जून, उत्तर प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव मियाद के भीतर ही सरकारी बंगले खाली कर वीवीआईपी गेस्ट हाउस पहुंच गये जबकि मायावती ने भी सरकारी बंगले के उस हिस्से को खाली कर दिया, जिसमें वह अब तक रहती थीं । वीवीआईपी गेस्ट हाऊस के प्रबंधक राजीव कुमार ने बताया कि ' मुलायम सिंह कल रात वीवीआईपी गेस्ट हाऊस आ गये थे और उन्होंने रात यही गुजारी थी जबकि अखिलेश उनकी सांसद पत्नी डिंपल यादव और तीन बच्चे आज दोपहर गेस्ट हाऊस पहुंच गये । इन तीनों को एक एक सुइट बुक किया गया है। इन सभी सुइट में दो दो कमरे जुड़े होते है।' उधर बसपा सुप्रीमो मायावती ने राजधानी स्थित 13—ए, माल एवेन्यू बंगले के उस हिस्से को आज खाली कर दिया, जिसमें वह अब तक रहा करती थीं । मायावती ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, '13—ए, माल एवेन्यू के जिस भाग में मैं ठहरती रही हूं, उसे दो जून से खाली कर रही हूं ।' उत्तर प्रदेश के राज्य संपत्ति विभाग ने प्रदेश के छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित सरकारी बंगले खाली करने का नोटिस दिया था । बंगले को खाली करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था। मायावती ने निर्धारित समयसीमा के भीतर ही बंगला खाली किया है। उन्होंने कहा, 'नोटिस मिलने के बाद 15 दिन की समयसीमा दी गयी थी जो अभी खत्म नहीं हुई है ।'
मायावती ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के देहांत के बाद देश में गरीबों और अन्य उपेक्षित वर्गों के मसीहा कांशीराम ने पूरी जिन्दगी इनके उत्थान के लिए काम किया । उनके सम्मान में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 13 जनवरी 2011 को राज्य कैबिनेट की बैठक में 13—ए, माल एवेन्यू में कांशीराम यादगार विश्राम स्थल बनाने का फैसला किया था । उन्होंने दावा किया कि कैबिनेट के उक्त फैसले के द्वारा पूर्ण परिसर को जनमानस के लिए लोकार्पित किया गया है । कांशीराम उत्तर प्रदेश से लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य रहे हैं । पार्टी के कार्य से लखनउ आने के दौरान वह इसी परिसर में ठहरते थे, जिससे उनका इस परिसर से काफी लगाव हो गया था । मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांशीराम के आदर सम्मान में मान्यवर श्री कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल बनाया गया । उन्होंने कहा कि इसी बंगले के एक हिस्से में वह ठहरती थीं । बतौर पूर्व मुख्यमंत्री उन्हें छह, लाल बहादुर शास्त्री मार्ग वाला बंगला आवंटित किया गया था, जिसे उन्होंने 19 मई को खाली कर दिया है और स्पीड पोस्ट से चाभियां भेजकर कब्जा सरकार को दे दिया है । उधर राज्य संपत्ति विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने 'भाषा' से कहा, '13—ए, माल एवेन्यू बंगला मायावती को बतौर पूर्व मुख्यमंत्री आवंटित किया गया है । यह बात एकदम पक्की है ।' उन्होंने कहा कि छह, लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित बंगले का आवंटन फर्जी आदेश से हुआ था ।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार आवासीय भाग छोडने के बाद अब यह बंगला मान्यवर श्री कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल कहलाएगा । शासनादेश में स्पष्ट है कि इसकी सुरक्षा और रखरखाव का जिम्मा प्रदेश सरकार का है । उन्होंने बताया कि परिसर में मुख्य तौर पर विश्राम कक्ष, पुस्तकालय, बैठक कक्ष, जलपान कक्ष, प्रतीक्षा कक्ष, भोजनालय, जेनरेटर रूम, लिफ्ट स्थल, पेड—पौधे हैं । 'परिसर में कांशीराम की भव्य प्रतिमा लगी है और मेरी भी प्रतिमा लगी है । इसमें हाथियों की गैलरी, फव्वारे और बारादरी है । कई संतरी पोस्ट, अंडरग्राउण्ड पार्किंग और सुरक्षाकर्मियों के लिए कमरों की उचित व्यवस्था है ।' मायावती ने मीडियाकर्मियों से कहा कि वे आज इस पूरे परिसर का भ्रमण करें । 'आप मेरे साथ इस पूरे परिसर का भ्रमण जरूर करें । इसकी फोटोग्राफी करें । उस आवासीय भाग को भी देखें जिसमें मैं अब तक रहती थी ।' इसके बाद उन्होंने पत्रकारों को खुद पूरे परिसर का भ्रमण कराया । इस बीच वीवीआईपी गेस्ट हाउस के अधिकारियों ने कहा कि नियमों के अनुसार किसी को भी एक सूट तीन दिन के लिये बुक होता है उसके बाद उसे फिर से बुक कराना पडता है । गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने पिछली सात मई को पूर्व मुख्यमंत्रियों को यह कहते हुए अपने सरकारी बंगले खाली करने का आदेश दिया था, कि पद से हटने के बाद वे सरकारी आवास में नहीं रह सकते। इसके बाद राज्य सम्पत्ति विभाग ने छह पूर्व मुख्यमंत्रियों- नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, मायावती, राजनाथ सिंह और अखिलेश यादव को अपने सरकारी बंगले खाली करने का नोटिस दिया था।
मुलायम अखिलेश वीवीआईपी गेस्ट हाऊस में आ गये है जबकि नारायण दत्त तिवारी बीमार हैं और उनकी पत्नी ने बंगला खाली करने के लिये राज्य सम्पत्ति विभाग से यह कहते हुए कुछ और वक्त मांगा है कि उनके पति अपनी जिंदगी के आखिरी लम्हे जी रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने माॅल एवेन्यू स्थित अपना सरकारी बंगला अभी खाली नहीं किया है। उनके आवास के बाहर ‘पंडित नारायण दत्त तिवारी सर्वजन विकास फाउंडेशन‘ का बोर्ड लगा है। माना जा रहा है कि यह बंगला बचाने की कवायद के तहत किया जा रहा है। बसपा प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के अपने सरकारी आवास 13-माल एवेन्यू को पार्टी संस्थापक कांशी राम का स्मारक बताये जाने से एक नया पेंच फंस गया था। हालांकि सम्पत्ति विभाग ने उनके इस दावे को निरस्त करते हुए कहा था कि मायावती ने 6-लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित जो आवास खाली किया है, उस पर उनका अवैध कब्जा था। राज्य सम्पत्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘भाषा‘ को बताया कि मायावती को पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से 13-ए मॉल एवेन्यू बंगला आबंटित किया गया था, वहीं 6-लाल बहादुर शास्त्री मार्ग बंगले पर उनका अवैध कब्जा था, जिसे अब उन्होंने खाली किया है। उन्हें उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार मॉल एवेन्यू का बंगला खाली करना होगा। मालूम हो कि मायावती ने उच्चतम न्यायालय के अनुपालन का दावा करते हुए 6-लाल बहादुर शास्त्री मार्ग बंगला खाली कर दिया था।
दूसरी ओर, बसपा का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने मायावती को 13ए-मॉल एवेन्यू वाला बंगला खाली करने का नोटिस भेजा, जबकि उन्हें लाल बहादुर शास्त्री मार्ग वाला आवास खाली करने का नोटिस भेजा जाना चाहिये था, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें यही बंगला आबंटित किया गया था। बसपा के एक प्रतिनिधिमण्डल ने पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात में यह दावा किया था कि मॉल एवेन्यू वाले बंगले को वर्ष 2011 में कांशी राम स्मारक घोषित कर दिया गया था और मायावती उसकी देखभाल के लिये वहां रहती थीं। उनके पास स्मारक परिसर के मात्र दो कमरे ही थे। पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पहले ही अपना चार कालिदास मार्ग स्थित बंगला खाली कर दिया है और वह गोमतीनगर के विपुल खंड में अपने पुराने मकाने में चले गये है । वहीं एक और पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने अपना सामान अपने पौत्र संदीप सिंह के मकान में शिफ्ट कर लिया है । संदीप सिंह योगी सरकार में मंत्री है ।
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