नई दिल्ली, 27 जून, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जम्मू एवं कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन संबंधित रपट को बुधवार को 'अभिप्रेरित' बताते हुए कहा कि इस बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि सेना का रिकार्ड परिषद से ऊपर है। यहां एक कार्यक्रम के इतर जनरल रावत ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि हमें मानवाधिकारों पर भारतीय सेना के रिकार्ड पर बात करने की जरूरत है। आप सब यह अच्छी तरह जानते हैं, कश्मीर की जनता और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय यह अच्छी तरह जानता है।" उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि इस रपट पर हमें ज्यादा चिंतित होना चाहिए। इनमें कुछ रपटों का खास मकसद होता है। भारतीय सेना का मानवाधिकार रिकॉर्ड पूरी तरह से परिषद से ऊपर है।" जनरल रावत मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) द्वारा कश्मीर में मानवाधिकारों पर आधारित एक रपट पर प्रश्नों के जवाब दे रहे थे। भारत ने पहले इस रपट को निराशाजनक, पक्षपातपूर्ण और अभिप्रेरित बताते हुए इसे नकार दिया था तथा इसके पीछे की मंशा पर प्रश्न उठाया था। 49 पन्नों की रपट में नियंत्रण रेखा के दोनों तरफ मानवाधिकारों के उल्लंघन तथा हिंसा और सुरक्षा बलों द्वारा माफी देने की पुरानी पद्धति का उल्लंघन करने पर प्रकाश डाला गया है।
बुधवार, 27 जून 2018
सेना प्रमुख ने कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र रपट की आलोचना की
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