रक्तदान करने आयी थीं अंशु बेटी, रक्तहीनता होने पर मोटिवेटर बन गयी की
पटना (आर्यावर्त डेस्क) 28 जून, सच में रक्तदान के क्षेत्र में युवाओं के बीच में प्रेरणा स्त्रोत बनकर उभरे हैं 55 साल के राज किशोर प्रसाद.यह रक्तदान उन युवा साथियों को प्रेरित करने के लिए काफी है, जो रक्तदान को लेकर गलत धारणाएं पाले हुए हैं. बताते चले कि कुछ रक्तदाता समन्वयक पी.एम.सी.एच.पटना में अपने सहयोगियों के साथ पहुँचे. वहां एक यूनिट रक्त की जरूरत थी.जिसे पूरा करवाने का प्रयास चल रहा था. उसी वक्त सोशल क्षेत्र से जुड़े राकेश भाई का फोन आया कि आप लोगों से कुछ काम है.आपलोगों से कोई बहुत ही जरूरी बात करेंगे.दूसरी ओर से एक महिला की आवाज आयी.उसने अपने परिचय में कहा कि मैं अंशु हूं.ज्ञात हुआ कि वह प्रभाकर की बहन हैं.जो हमेशा लोगों को खासकर सोरभ सुमन को सोशल क्षेत्र में बेहतर से बेहतर कार्य करने का गुर सिखाते रहे हैं.हां मार्गदर्शन भी करते हैं. उनकी बहन अंशु हलकान थीं तुलसी पंडित नामक मरीज को लेकर. अंशु आखिर परेशान क्यों ना हो.पी.एम.सी.एच.में तुलसी पंडित गंभीर हालात में आई.सी.यू. में भर्ती हैं.उनकी जिंदगी बचाने के लिए तुरंत ही ए+ रक्त की जरूरत थी. इस परेशानी को खुद अंशु ने रक्तदान कर पूरा करना चाहती थीं. अपने पिता राज किशोर प्रसाद के साथ अंशु पी.एम. सी.एच. पहुँची. जब उसका (अंशु) रक्त जाँच की गयी तो पता चला कि उसका हिमोग्लोबिन कम है. इसके कारण वह रक्तदान करने में अक्षम साबित हो गयी. परंतु वह जिद्द करने पर उतारू हो गयी. वह बारम्बार कहने लगी कि मुझे कुछ नहीं होगा. मैं तो रक्तदान करूंगी.... समझाने के कुछ समय के बाद लोग समझाने में कामयाब हो गए. इस परेशानी को दूर करने में अंशु ने अपने पिता राज किशोर प्रसाद जी को मोटिवेट करने लगी. बेटी अंशु ने अपनी भूमिका में सफल हो गयी. उसी का परिणाम रहा कि बस कुछ ही देर बाद अंशु के पिता राज किशोर प्रसाद जी रक्त दान करने को तैयार हो गए और कुछ ही देर मे रक्तदान जैसे नेक कार्य को पूरा कर लिया गया...!! सुमन सौरभ ने इस रक्तदान को पूरा करने मे सार्थक प्रयास करने के लिए सबसे पहले वीरांगना अंशु को नमन किया. साथ ही साथ रक्तदान कर किसी अपरिचित की जिंदगी बचाने वाले रक्तदानी अंशु के पिता राज किशोर प्रसाद को तहे दिल से सलाम करता हूँ. एक बार फिर से बता दूँ रक्तदानी राज किशोर प्रसाद का उम्र 55 वर्ष है और ये रक्तदान उनके जीवन का पहला था. खैर राज किशोर प्रसाद ने अपने पहले रक्तदान के बाद कहा कि अब तीन महीने के बाद हमें जरूरत मंद को रक्तदान करने को बतायेंगे तो उनके लिए रक्तदान कर देंगे.जो कि कबिले तारीफ कार्य होगा.
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