नयी दिल्ली, 18 जून, दलितों के मुद्दे को लेकर राहुल गांधी के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने आज कहा कि 60 साल तक शासन के दौरान दलितों के सशक्तिकरण के लिये कुछ नहीं करने वाली कांग्रेस पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष को वास्तव में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की परिभाषा भी नहीं पता है। भाजपा प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री ने कहा कि राहुल गांधी जो भी विषय उठाते हैं, उसमें कोई तथ्य नहीं रहता है। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की पार्टी कांग्रेस ने देश पर 60 साल तक शासन किया और आधारहीन आरोप लगाने की बजाए दलितों के सामाजिक उत्थान के लिये उनकी पार्टी की सरकार ने एक भी कार्य किया हो, तो वह इसके बारे में बताएं ? भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि दलित देश में सामाजिक आधार पर कमजोर हैं और आरोप लगाया कि कांग्रेस के 60 वर्षो के शासनकाल में इनके सशक्तिकरण की दिशा में काम नहीं हुआ । शास्त्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के सशक्तिकरण एवं उनके सामाजिक उत्थान के लिये प्रतिबद्ध पहल की है और दलितों के उत्थान के लिये 112 से ज्यादा योजनाएं लेकर आई है। कांग्रेस अध्यक्ष पर तंज कसते हुए भाजपा नेता ने कहा कि अब यह बात राहुल गांधी के समझ में कहां से आयेगी।
उन्होंने कहा कि जहां तक दलित उत्पीड़न का सवाल है, ऐसी कोई भी घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन इसका आधार आर्थिक या राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक है। दलितों के सशक्तिकरण के राजग सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए शास्त्री ने कहा कि कांग्रेस ने दलितों एवं गरीबों के नाम का सहारा लेकर बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया लेकिन बैंकों के दरवाजे पर कितने दलित खड़े हो पाए ? उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 32 करोड़ गरीबों को वित्तीय समावेशीकरण के तहत बैंकों के दायरे में लाने का काम किया। उन्होंने कहा कि दलितों एवं गरीबों की बहु..बेटियों की इज्जत एवं सम्मान की खातिर सरकार ने उनके घर के भीतर शौचालय के निर्माण की पहल की । उल्लेखनीय है कि हाल ही में राहुल गांधी ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा था, "महाराष्ट्र के इन दलित बच्चों का अपराध सिर्फ इतना था कि ये एक 'सवर्ण' कुएं में नहा रहे थे... आज मानवता भी आखिरी तिनकों के सहारे अपनी अस्मिता बचाने का प्रयास कर रही है... आरएसएस : भाजपा की मनुवाद की नफरत की ज़हरीली राजनीति के खिलाफ हमने अगर आवाज़ नहीं उठाई, तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा।
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