कौई हैं एक सत्याग्रही के एक दिन का भोजन खर्च 60 रू.उठाने वाले?जनादेश 2012 की अधूरी मांग को पूरी करवाने की कवायद में जनांदोलन 2018
जौरा,(मध्य प्रदेश).महात्मा गांधी सेवा आश्रम जौरा.यहां पर कार्यकर्ता उन्मुखीकरण व क्षमता विकास शिविर संचालित है. राष्ट्रीय अंहिसा दिवस के अवसर पर 2 अक्तूबर से जनांदोलन 2018 पदयात्रा सत्याग्रह. इस बार हरियाणा प्रदेश के पलवल से 25 हजार की संख्या में सत्याग्रही पांव-पांव चलकर दिल्ली कूच करेंगे. जनांदोलन के महानायक पी.व्ही.राजगोपाल ने कहा कि सरकार की अकर्मणयता के कारण ही वंचित समुदाय को पदयात्रा करने को मजबूर कर दिया गया.उन्होंने कहा कि जन सत्याग्रह 2012 की अधूरी मांग को पूरी करवाने की कवायद में ही जनांदोलन 2018 पदयात्रा सत्याग्रह कर रहे हैं. राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति बनाने के साथ अन्य मांग की गयी.जो लगभग 11साल के बाद भी केंद्र सरकार द्वारा मांग पूर्ण नहीं की गयी है. 2 अक्टूबर से जनांदोलन 2018 पदयात्रा सत्याग्रह शुरू होगी. 6 सूत्री मांग यथा है राष्ट्रीय आवासीय भूमि अधिकार कानून की द्योषणा एवं क्रियान्वयन,राष्ट्रीय कृषक हकदारी कानून की द्योषणा एवं क्रियान्वयन,राष्ट्रीय भूमि नीति की द्योषणा व क्रियान्वयन,भारत सरकार द्वारा पूर्व में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद और राष्ट्रीय भूमि सुधार कार्यबल समिति को सक्रिय करना,वनाधिकार कानून -2006 और पंचायत (विस्तार उपबन्ध) अधिनियम -1996 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय व प्रांतीय स्तर पर निगरानी तंत्र की स्थापना और भूमि संबंधी विवादों के शीघ्र समाधान के लिए त्वरित न्यायालयों का संचालन को लेकर पलवल(हरियाण) से दिल्ली तक पदयात्रा करेंगे. यह जनांदोलन पूर्णत: जनाधारित है.गांवघर में एक मुट्ठी चावल जमा किया जा रहा है.बैठक में आते से घर से एक किलो चावल और दस रूपये लेकर आते हैं और सत्याग्रह के नाम पर देकर चले जाते हैं.
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