बिहार : प्रशासन की मौजूदगी में दबंगों ने राघोपुर दियारा में किया उत्पात : माले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 1 जून 2018

बिहार : प्रशासन की मौजूदगी में दबंगों ने राघोपुर दियारा में किया उत्पात : माले

  • हमलावरों की गिरफ्तारी की बजाए पीड़ितों को प्रशासन ने किया गिरफ्तार
  • 8 जून को माले करेगा समाहरणालय पर प्रदर्शन, एसआई सुधीर कुमार पर कार्रवाई की मांग.

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पटना 1 जून,  भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि वैशाली जिले के राघोपुर दियारा में भाजपा-जदयू सरकार के प्रशासन के संरक्षण में दबंगों ने पासवान जाति से आने वाले दलित समुदाय के लोगों पर कहर बरपाया है. यह बेहद निंदनीय है. बिहार में जब से चोर दरवाजे से भाजपा सत्ता में आई है, दलितों पर अत्याचार की घटनाएं बेलगाम हो गई हैं. पीड़ितों को न्याय दिलाने की बजाए नीतीश कुमार का प्रशासन उलटे पीड़ितों को ही गिरफ्तार कर जेल में ठूंस दे रहा है. दीना पासवान को 31 मई की रात में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जिसकी तीखी निंदा भाकपा-माले करती है.

जांच टीम की रिपोर्ट  : आज दिनांक 1 जून 2018 को वैशाली जिले के राघोपुर दियारा प्रखंड के मल्लिकपुर कबीर चैक का भाकपा-माले की राज्यस्तरीय जांच टीम ने दौरा किया और 27 मई को पासवान जाति से आने वाले दलित समुदाय के 20 घरों व 7 दुकानों में आग लगाने की घटना की संपूर्णता में जांच-पड़ताल की. माले विधायक सुदामा प्रसाद, अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद याद तथा भाकपा-माले के वैशाली जिला कमिटी के सदस्य रामबाबू भगत इस जांच टीम में शामिल थे. जांच टीम ने घटनास्थल से लौटकर बताया कि घटना की जड़ में दबंगों द्वारा दलितों की जमीन हड़प लेने का मामला है. खेसरा नंबर 282 और 283 का छोटा अंश गलती से नए सर्वे में सिकिल राय के परिजनों के नाम चढ़ गया है. जिसमें सुधार के लिए अनुसूचित जाति के लोगों ने कोर्ट में अपील कर रखी है. सिकिल राय द्वारा इस अपील को वापस लेने के लिए लगातार दबाव बनाया जाता रहा है. इसी कड़ी में उक्त घटना को अंजाम दिया गया है.

.जांच टीम ने पाया कि पुराना खेसरा नंबर 283 रामेश्वर भगत के पूर्वजों भगेरा पासवान, श्री पासवान, रामकिशुन पासवान वगैरह के नाम से 5 एकड़ 54 डिसमिल सर्वे में था, जिसका नया खेसरा 244, 246, 247 आदि रकबा 3 एकड़ इन अनुसूचित जाति के लोगों के नाम अब भी सर्वे में है और बाजाप्ता मालगुजारी की रसीद कट रही है. इस जमीन पर लगभग 125 वर्षों से अनुसूचित जाति के लोग घर बनाकर रह रहे हैं. कुछ दिन पहले आए आंधी-तूफान में एक कमरे का एसबेस्टस उड़ गया था, जिसकी मरम्मति रामेश्वर भगत कर रहे थे. इसे रोकेनेे के लिए सिकिल राय ने आवेदन देकर पुलिस को बुलाया. एसआई सुधीर कुमार ने आते ही अनुसूचित जाति के लोगों को भद्दी-भद्दी गालियां देनी शुरू कर दीं और मार-पिटाई आरंभ कर दी. मालूम होता है एसआई और सिकिल राय में पहले से ही कोई डील थी. पुलिस बल के पहुंचते ही सिकिल राय व उनके गुर्गों ने पथराव आरंभ कर दिया व अनुसूिचति जाति के लोगों की पिटाई करने के बाद इनके घरों व दुकानों को आग के हवाले कर दिया. 

दलितों की पिटाई, इनकी दुकानों व घरों में आगजनी-लूटपाट यह सब पुलिस बल की मौजूगदी में हुई, फिर भी एसआई सुधीर कुमार ने अनुसूचित जाति के ही 18 लोगांें को नामजद व 115-16 अज्ञात लोगों पर पुलिस बल पर हमला करने और   सरकारी काम में बाधा डालने का झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया. जिसमें 65 वर्ष के दोनों आंखों से अंधा हो चुके हरिविलास भगत को भी अभियुक्त बनाया गया है. मोतीलाल राय की पत्नी सुवरना देवी से पुलिस ने झूठा मुकदमा दलितों पर करवाया है. एक दीना पासवान को 31 मई की रात में गिरफ्तार भी कर लिया गया. जबकि दलित जाति के लोगों की पिटाई, लूटपाट व आगजनी का मुकदमा सबसे अंत में काफी दबाव के बाद किया गया. जिसमें अब तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई. जांच दल ने एसआई सुधीर कुमार पर द्वारा दर्ज कराए गए केस जिसर्में इंट का नया मकान बनाने की चर्चा है, को सफेद झूठ बताते हुए उच्च अधिकारियों से घटना स्थल पर जाकर इसकी जांच की मांग की है. भाकपा-माले ने इस घटना के खिलाफ 8 जून को समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन का निर्णय किया है.

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