नई दिल्ली, 4 जून, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि संवैधानिक ढांचे के अंदर राज्यपालों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और वे आबादी के एक बड़े हिस्से में केंद्र सरकार की योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करवाना सुनिश्चित कर सकते हैं। राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों के 49वें सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मोदी ने कहा, "राज्यपाल अपने अनुभवों का इस्तेमाल कर यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि लोगों को केंद्र सरकार की विभिन्न परियोजनाओं का अधिकतम लाभ मिल सके।" उन्होंने कहा, "हमारे देश की संघीय संरचना और संवैधानिक ढांचे के अंतर्गत राज्यपाल के संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका है।" प्रधानमंत्री ने कहा कि जनजातीय आबादी वाले राज्यों के राज्यपाल जनजातीय समुदाय में वित्तीय समावेशन और शिक्षा, खेल व अन्य क्षेत्रों में सरकार की परियोजनाओं को पहुंचाना सुनिश्चित कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने विकास के कुछ महत्वपूर्ण विषय राष्ट्रीय पोषण अभियान, गांवों में विद्युतीकरण, आकांक्षी जिलों में विकास के मापदंड की चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल विद्युतीकरण के फायदों का गवाह बनने के लिए हाल ही में विद्युतीकरण की सुविधा से लैस कुछ गांवों का दौरा कर सकते हैं। राज्यपाल राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी होते हैं। मोदी ने कहा कि राज्यपाल यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि दाखिला, नियुक्ति, परीक्षा और दीक्षांत समारोह समय पर हों।
उन्होंने कहा कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का इस्तेमाल युवाओं के बीच योग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए किया जा सकता है और विश्वविद्यालय महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ पर समारोह के केंद्र बिंदु बन सकते हैं। इससे पहले अपने उद्घाटन भाषण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा था कि राज्यपाल राज्य के लिए मार्गदर्शक होते हैं और संघीय ढांचे में महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं। कोविंद ने राज्यपालों और उपराज्यपालों से कहा, "राज्य के लोग राज्यपाल के कार्यालय और राजभवन को आदर्शो एवं मूल्यों का स्रोत समझते हैं।" उन्होंने कहा कि राज्यपाल उन नागरिकों के जीवन को बेहतर आकार दे सकते हैं, जिन्हें हमारी विकास यात्रा से उम्मीद के मुताबिक फायदा नहीं मिला। इस समारोह में सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के राज्यपालों और उपराज्यपालों के अलावा नीति आयोग के सीईओ और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
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