पटना 03 जून, बिहार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सात जून को होने वाली बैठक से पूर्व प्रमुख घटक सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने आज बैठक कर प्रदेश का राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा और प्रधान महासचिव के. सी. त्यागी ने यहां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बैठक की। बैठक लगभग तीन घंटे तक चली। बिहार राजग की 07 जून को पटना में होने वाली बैठक से पूर्व जदयू की आज हुयी बैठक को राजनीतिक गलियारे में काफी अहम माना जा रहा है। जोकीहाट विधानसभा उपचुनाव में जदयू प्रत्याशी की हार के बाद से पार्टी लगातार मंथन कर रही है। जदयू ने उपचुनाव में पार्टी की हार के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा को कारण बताया था। वहीं, राजग के एक अन्य घटक राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष एवं केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा था कि वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पूर्व ही यह तय हो कि कौन से घटक दल कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि राजग में तालमेल की कमी है।
बैठक के बाद राष्ट्रीय महासचिव श्री वर्मा ने कहा कि यह कोई विशेष बैठक नहीं थी बल्कि समय-समय पर इस तरह की बैठक होती रहती है। इसका कोई विशेष मायने नहीं निकाला जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि उनकी पार्टी विशेष राज्य के दर्जे की मांग को जारी रखेगी। श्री वर्मा ने कहा कि जदयू विशेष राज्य के दर्जे की मांग लगातार करती रही है और इस मुद्दे से पीछे हटने का सवाल नहीं है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले इसके लिए लगातार अपनी मांग मजबूती के साथ रखेंगे। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही गठबंधन का चेहरा होंगे और फिलहाल बिहार में उनसे बड़ा चेहरा नहीं है। गठबंधन दलों के बीच सीट बंटवारे के संबंध में पूछे गये एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चुनाव में अभी देर हे और समय आने पर देखा जायेगा। इसबीच पार्टी सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ नेताओं ने उप चुनाव के बाद राजनीतिक हालात की समीक्षा की और संगठन को धारदार बनाने पर मंथन किया। जदयू की इस बैठक के बाद बिहार में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है।
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