नई दिल्ली, 10 जून, सरकार ने निजी क्षेत्र के पेशेवरों के लिए नौकरशाही का दरवाजा खोलते हुए रविवार को संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षाओं के विपरीत पाश्र्विक प्रवेश के माध्यम से संयुक्त सचिव स्तर के पदों के लिए 10 आवेदन मंगाए। सरकार ने कहा कि पाश्र्विक प्रवेश के प्रस्ताव का मकसद शासन प्रणाली में नए विचार व नजरिए को शमिल करना और मानवशक्ति में इजाफा करना है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी एक अधिसूचना के अनुसार, भारत सरकार ने राष्ट्र निर्माण में योगदान करने के लिए संयुक्त सचिव स्तर पर सरकार में शामिल होने के इच्छुक मेधावी और अभिप्रेरित भारतीय नागरिकों को आमंत्रित करने का फैसला किया है। संयुक्त सचिव सरकार में वरिष्ठ प्रबंधन का महत्वपूर्ण स्तर पर होते हैं, जो अपने विभागों में नीति निर्माण और विभिन्न कार्यक्रमों व योजनाओं के कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभाते हैं। वह संबंधित मंत्रालयों में सचिव व अतिरिक्त सचिव को रिपोर्ट करते हैं। संयुक्त सचिव के पद आमतौर पर यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं के माध्यम से भरे जाते हैं। अधिसूचना के अनुसार, राजस्व, वित्त सेवा, आर्थिक मामलों, कृषि, सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी, पर्यावरण और वन, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, नागरिक उड्डयन और वाणिज्य के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त आवेदक इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। राज्य सरकारों और केंद्रीय या राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के आवेदक प्रतिनियुक्त पर रखे जाएंगे, जबकि निजी क्षेत्र के उम्मीदवारों की नियुक्ति संविदा के आधार पर होगी। नीति आयोग ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि काफी समय से यह लंबित था।
सोमवार, 11 जून 2018
संयुक्त सचिव के 10 पदों पर निजी क्षेत्र के पेशेवर नियुक्ति होंगे
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