नई दिल्ली, 2 जून, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को कहा कि देश से गरीबी तभी मिटेगी, जब शिक्षा प्रणाली में आमूल बदलाव होगा और हर व्यक्ति को उनकी योग्यता के अनुसार काम मिलेगा। उन्होंने कहा कि उद्योग की मांग के अनुरूप जब युवाओं में कौशल होगा, तो नौकरी उनके पीछे दौड़ेगी। मुखर्जी ने शनिवार को नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में अपार इंडिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के सालाना दीक्षांत समारोह में संस्थान के छात्रों को डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रदान किए। इस मौके पर स्कूल ऑफ वोकेशनल एजुकेशन के डीन, टीआईएसएस, अपार इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के संस्थापक और चेयरमैन डॉ.आर.के. जैन, अपार इंडिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के निदेशक अपार बतौर जयनंद विशिष्ट अतिथि मौजूद थे। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि छात्र उद्योग की मांग के अनुरूप कौशल विकसित करें। संस्थान को भी विभिन्न उद्योगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा देनी चाहिए। मुखर्जी ने पढ़ाई पूरी कर पेशेवर जिंदगी में कदम रखने वाले छात्रों को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा, "मैं कामना करता हूं कि आप इस देश को इस सदी में प्रभावी नेतृत्व प्रदान करें।" इन सभी छात्रों को एचआर और एडमिनिस्ट्रेशन, बैंकिंग और फाइनेंस, सेल्स ऑफ मार्केटिंग में डिप्लोमा मिलने से पहले ही प्रतिष्ठित कंपनियों में प्लेसमेंट मिल चुका है। मुखर्जी ने कहा, "देश के नीति निमार्ताओं को यह समझना चाहिए कि उच्च और मध्यम अवधि का विकास और भारत से गरीबी मिटाने का काम तभी संभव हो सकता है, जब देश की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक बदलाव लाया जाए और हर व्यक्ति को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार मिले।" अपार इंडिया ने बताया कि संस्थान से पासआउट होने वाले सभी छात्रों को प्लेसमेंट मिल चुका है। इन सभी छात्रों को वर्क इंटिग्रेटेड ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षित किया गया है। इन छात्रों के एक साल के डिप्लोमा प्रोग्राम के तहत 300 घंटे क्लासरूम में और 600 घंटे विभिन्न इंडस्ट्रीज में प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
शनिवार, 2 जून 2018
कौशल होगा तो नौकरी पीछे दौड़ेगी : प्रणब मुखर्जी
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