- किसानों के भारत बंद के समर्थन में पटना में एकजुटता मार्च.
पटना 10 जून, किसानों के राष्ट्रव्यापी गांवबंदी आंदोलन के अंतिम दिन 10 जून को भारत बंद का आह्वान किया गया है. इसके समर्थन में अखिल भारतीय किसान महासभा ने बंद के समर्थन में पटना में एकजुटता मार्च निकाला. संगठन के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व विधायक राजाराम सिंह, वरिष्ठ किसान नेता केडी यादव, प्रदेश अध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव, सचिव रामाधार सिंह, राजेन्द्र पटेल, शिवसागर शर्मा, जितेन्द्र कुमार आदि नेताओं ने मार्च का नेतृत्व किया. मार्च स्टेशन गोलबंर स्थित बुद्धा स्मृति पार्क से निकलकर डाबंगला होते हुए रेडिया स्टेशन पर समाप्त हुआ. मार्च के पूर्व बुद्धा स्मृति पार्क के समीप एक सभा भी आयोजित की गई, जिसे किसान नेताओं ने संबोधित किया. राजाराम सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों की मांग है कि उनके सभी प्रकार के कर्जे माफ होने चाहिए, फसल की लागत का कम से कम ड्योढ़ा दाम मिलना चाहिए और उनकी फसल की खरीद की गारंटी होनी चाहिए. फसल खरीद न होने के विरोध में किसान लगातार आंदोलन चला रहे हैं लेकिन सरकार ने इस पर अब तक किसी भी प्रकार का नोटिस नहीं लिया है. उलटे कृषि मंत्री शर्मनाक बयान देते हैं कि किसान खबरों में बने रहने के लिए आंदोलन चला रहे हैं. यह जले पर नमक छिड़कना है.
उन्होंने आगे कहा कि आज देश के विभिन्न हिस्सों से किसानों की आत्महत्या की खबरें मिल रही हैं. इसके पूर्व भी अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर से पूरे देश में किसानों के सवाल पर यात्रायें निकाली गई थीं लेकिन मोदी सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा. राजाराम सिंह ने आगे कहा कि बिहार सरकार भी किसानों के प्रति अव्वल दर्जे की संवेदनहीन है. धान की तरह आज किसानों की गेहूं खरीद भी नहीं हो रही है. किसान हर जगह परेशान हैं. मक्का उत्पादक किसान हों या केला उत्पादक, सब आत्महत्या की दिशा में बढ़ रहे हैं. बटाईदारों को तो सरकार किसान मानने को तैयार नहीं है. जबकि शिकमी बटाईदारों को उनके पुश्तैनी हक से लगातार बेदखल किया जा रहा है. सभा को अन्य नेताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि बिहार सरकार भी पूरी तरह मोदी सरकार के ही नक्शे कदम पर चल रही है. मक्का किसानों की फसल मारी गई, उनके फसल में दाना नहीं निकला लेकिन आज तक उनको कोई मुआवजा नहीं मिला. देश के अन्य दूसरे हिस्से की तरह आज बिहार में भी किसान आत्महत्यायें कर रहे हैं लेकिन सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. किसानों के प्रति इस संवेदनहीनता के खिलाफ 23 जून को राज्यव्यापी चक्का जाम आंदोलन चलाया जाएगा.
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