मुंबई, 03 जून, भारतीय फुटबॉल कप्तान और स्टार स्ट्राइकर सुनील छेत्री का कहना है कि उनका एक सपना था लेकिन उन्होंने कभी 100 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने के बारे में नहीं सोचा था। छेत्री ने मुंबई फुटबॉल एरेना में रविवार को भारतीय टीम के अभ्यास सत्र से पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मेरा एक सपना था लेकिन मैंने 100 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने का सपना नहीं देखा था। यह सब कुछ अविश्वसनीय है। ईमानदारी से कहूं तो मैं कभी कीर्तिमानों के बारे में नहीं सोचता। मैं कल रात अपनी मां से बात कर रहा था तो वह भावुक हो गयीं। उनके अहसास से मुझे महसूस हुआ कि यह कितना बड़ा अवसर है।” छेत्री पूर्व भारतीय कप्तान बाइचुंग भूटिया के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं। भूटिया मौजूदा भारतीय कप्तान छेत्री के मेंटर भी हैं। छेत्री ने कहा, “मैं अपने माता पिता, दोस्तों, परिवार, सभी कोचों, खिलाड़ियों, प्रशंसकों और मीडिया का अपने इस सफर के लिए दिल से धन्यवाद करना चाहता हूं। मुझे इस बात पर ख़ुशी और गर्व है कि मैं अपने देश के लिए 100 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाला दूसरा खिलाड़ी हूं।”
उन्होंने कहा, “मैं अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखूंगा, सहज अंदाज में अपना खेल खेलूंगा, टीम की योजना पर डटा रहूंगा और अपने देश के लिए मैच जीतने की कोशिश करूंगा।” अपने पहले मैच को याद करते हुए छेत्री ने कहा, “मुझे आज भी अपना पहला मैच याद है। हम पाकिस्तान में थे और नबी दा (सईद रहीम नबी) तथा मैं नए खिलाड़ी थे। हमें नहीं पता था कि हमें मैच में उतारा जाएगा या नहीं लेकिन सुक्खी सर (सुखविंदर सिंह) ने हमें मैच की शुरुआत में उतार दिया। मैंने गोल किया और उसकी ख़ुशी में मैं पाकिस्तानी प्रशंसकों की तरफ दौड़ पड़ा और जश्न मनाने लगा।” भारतीय कप्तान ने स्वीकार किया कि उनके पहली बार राष्ट्रीय जर्सी पहनने से अब तक भारतीय फुटबॉल में काफी सुधार आया है। उन्होंने कहा, “हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं और अच्छी टीमों के साथ खेलने से हमारे खेल में और सुधार आ सकता है।” भारत ने चार देशों के हीरो इंटरकांटिनेंटल कप में अपने पहले मैच में चीनी ताइपे को 5-0 से हराया था और सोमवार को उसका मुकाबला केन्या से होना है। छेत्री ने साथ ही कहा कि केन्या के साथ मुकाबला काफी कड़ा होगा।
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