मुख्यमंत्री के गृह जिले में ही २८ किसानों ने की है आत्महत्या
- बरसते पानी में तिरपाल ओड़कर किसानों ने की नारेबाजी, ढपली और खंजरी बजाकर सोई सरकार को जगाया, अखिल भारतीय किसाना सभा ने किया प्रदर्शन, राष्ट्रपति के नाम दिया तहसीलदार को ज्ञापन, सरकार से किसानों ने की पूर्ण कर्ज मुक्ति की मांग
सीहेार। अखिल भारतीय किसाना सभा के आहवान पर श्यामपुर में रविवार को किसानों ने बरसते पानी में तिरपाल ओड़कर केंद्र और राज्य सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। किसानों ने ढ़पली और खंजरी बजा कर सोई हुई सरकार को जगाया। किसानों ने पूर्ण कर्ज मुक्ति सहित अन्य मांगों को लेकर किसान सभा के प्रांतीय महासचिव प्रहलाद दास बेरागी एवं तहसील प्रमुख रणजीत सिंह दांगी के नेतृत्व में तहसीलदार मोतीलाल अहिरवार को एसडीओपी ओम प्रकाश त्रिपाठी की उपास्थिति में राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन दिया। किसानों को संबोधित करते हुए महासचिव बैरागी ने कहा कि षडय़ंत्रकारी सरकार ने किसानों के दस दिवसीय गांव बंद बाजार बंद आंदोलन को भी दबाकर रख दिया है। देश का अन्नदाता केंद्र और राज्य सरकार की किसान विरोधी नीतियों से मुश्किल में है। बीते एक वर्ष में केवल सीहेार जिले में ही २८ किसानों ने सरकार की नीतियों से परेशान होकर आत्महत्या की है। प्रधानमंत्री फसल बीमा भी किसानोंं को नहीं मिल रहा है। सरकार ने अबतक स्वामीनाथन समिति की किसानों के प्रति रिपोर्ट को लागू नहीं किया है। किसान सभा के तहसील प्रमुख श्री दांगी ने कहा कि बिना मांगे यह सरकार कुछ नहीं देगी हमें महाराष्ट्र की तरह आंदोलन करना होगा। किसानों को यह भाजपा सरकार धोका दे रहीं है हम अपना अधिकार लेकर रहेंगे। भावांतर योजना में किसानों को ठगा जा रहा है पूरा लाभ पूंजीपति व्यापारियों को हो रहा है किसान केवल भाजपा सरकार की नीतियों में पिस रहा है। प्रदर्शन के दोरान केपी सिंह बघेल, सुरेंद्र पटेल,यीशू प्रकाश,जुगल पाटीदार, प्रहलाद हाड़ा, रूप सिंह चौहान ने भी किसानों को संबोधित किया। किसानों के द्वारा स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट लागू करने, कृषि उत्पाद का न्यूनतम लागत मूल्य का दो गुना देने, किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ करने, देश के ६० साल के उपर के महिला पुरूष किसानों को १० हजार रूपए महिना पेंशन देने, प्रगतिशाली भूमि सुधार कानून लागू करने, केंद्र और राज्य सरकार किसानों को बीज कीटनाशक पर सब्सिड़ी प्रदान करें, फसलों का लाभकारी मूल्य देने, एक लाख करोड़ रूपए का किसान सहायता कोष बनाए जाने, जिले में किसानों के लिए संपूर्ण सिंचाई के पानी की व्यवस्था करने, किसानों के बकाया बिजली बिल माफ करने, किसानों के विरूध दर्ज आपराधिक प्रकरण वापस लेने,वन अधिकार कानून के तहत भूमि पर काबिज किसानों को पटटा देने की मांग की गई। प्रदर्शन में प्रमुख रूप से भंवरलाल पाटिल,सत्यनारायण भाटी, मनोहर सिंह, चैन सिंह पेरवाल, विजय प्रजापति, राहुल सिंह, रमेश साहू, राहुल साहू, लाईक कुरैशी,कमल शर्मा, धनसिंह सहित बड़ी संख्या में आसपास के गांवों के किसान मौजूद थे।
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