श्रीनगर, 3 जून, जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को यहां कहा कि अधिक संख्या में युवाओं के आतंकवाद में शामिल होने की प्रवृत्ति से कुछ हासिल नहीं होगा। इसके कारण राज्य में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ेगी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के एक सम्मेलन में महबूबा ने बड़ी संख्या में युवाओं के आतंकवादी समूहों में शामिल होने की रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी। महबूबा ने कहा, "बंदूक उठाने वाले युवाओं की संख्या बढ़ने से सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की मौजूदगी बढ़ेगी।" मुख्यमंत्री ने कहा, "हालात जितने बेहतर होंगे, उतना ही हम सेना, सीआरपीएफ व पुलिस को कश्मीर से कम करने को कहेंगे।" आतंकवादियों के कश्मीर घाटी में हालिया ग्रेनेड हमले की निंदा करते हुए उन्होंने कहा, "संघर्षविराम के बावजूद ग्रेनेड से हमले हो रहे हैं। वे यह नहीं देख रहे हैं कि नागरिक मारे जा रहे हैं, वे यह नहीं देखते कि सेना या सीआरपीएफ के जवान अपनी रोजी-रोटी के लिए दूरदराज इलाकों से आए हैं। इससे क्या हासिल होगा।" उन्होंने कहा, "अब तक हजारों की संख्या में ग्रेनेड से हमले हुए हैं, व हजारों ने बंदूकें उठाई हैं और आतंकवादी बने हैं, लेकिन क्या हासिल हुआ।" उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से पीपुल डेमोक्रेटिक पार्टी श्रीनगर-मुजफ्फराबाद व पुंछ व रावलकोट के मार्गो को खोलवाने में सक्षम रही है। उन्होंने कहा, "अगर हालात में सुधार होता है तो मेरा वादा है कि हम ऐसे कई रास्ते खोलेंगे।" महबूबा ने कश्मीरी अलगाववादियों को वार्ता के लिए आगे आने और राज्य को फिर से रक्तपात से बचाने की अपील की। महबूबा ने उन्हें याद दिलाया कि भारत सरकार द्वारा संघर्षविराम की घोषणा एक ऐसा कदम है, जिसकी हर दम उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि समस्या सिर्फ बातचीत से हल हो सकती है। उन्होंने कहा, "इस बार केंद्र से वार्ता का प्रस्ताव है। मैं सभी हितधारकों से आगे आने व कश्मीर को बचाने का आग्रह करती हूं।" महबूबा ने कहा कि यह अलगाववादियों को तय करना है कि कश्मीर के युवाओं को पत्थरबाजी व बंदूक की संस्कृति से बाहर आना है या नहीं। महबूबा ने भारत व पाकिस्तान से जम्मू एवं कश्मीर में हालात सुधारने के लिए बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने की अपील की।
सोमवार, 4 जून 2018
आतंकवाद बढ़ने से सेना की मौजूदगी बढ़ेगी : महबूबा
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