बिहार के सीवान जिले में पत्रकारों को धमकाने का सिलसिला जारी है। बीते दिनों ही दैनिक जागरण के पत्रकार को जान से मारने की धमकी दी गई थी और अब आपकी अपनी चर्चित न्यूज वेबसाइट टाउन आजतक के संपादक धीरेंद्र कुमार को भी धमकाया गया है। धीरेंद्र कुमार से जिले के नौतन थाना क्षेत्र में पिपरा गांव के रहने वाले आपराधिक छवि के निर्भय तिवारी और उसके भतीजे ने रंगदारी मांगी है। धीरेंद्र कुमार ने इसके खिलाफ नौतन थाना प्रभारी को सूचना भी दी। थाना प्रभारी ने पहले तो आपराधिक छवि के रामू उर्फ निर्भय तिवारी के सुर में सुर मिलाते नजर आए लेकिन बाद में सीवान एसपी नवीनचंद्र झा की सख्ती के बाद उन्होंने धीरेंद्र कुमार को रिसीविंग दी। हालांकि अब भी एफआईआर दर्ज नहीं किया गया है।
यह है मामला : धीरेंद्र कुमार के मुताबिक उन्होंने बीते अप्रैल माह में अपनी बैनामा खरीदी गई जमीन में घर का निर्माण कार्य शुरू करवाया। लेकिन उससे पहले ही रामू उर्फ निर्भय तिवारी ने 2 लाख रुपए की रंगदारी मांगी। इस बीच रामू तिवारी कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर चले गए। तभी हमने घर के नींव का कार्य शुरू करवा दिया। लेकिन 3 जून 2018 को मैं नींव में मिट्टी भरवा रहा था तभी जर्नादन तिवारी के पुत्र रामू उर्फ निर्भय के अलावा उसका भतीजा प्रशांत तिवारी मौके पर पहुंचे।
2 लाख रुपए की मांगी रंगदारी : धीरेंद्र की रिसीविंग के मुताबिक मौके पर पहुंचकर रामू उर्फ निर्भय तिवारी ने कहा कि मेरी अनुपस्थिति में तुमने अपनी नींव कैसे जुड़वा ली। अब 2 लाख रुपए की रंगदारी देने के बाद ही करवाना होगा। जब मैंने विरोध किया तो रामू और उसके भतीजे प्रशांत ने कहा कि हम काम नहीं होने देंगे। दोनों ने मुझे धमकाया कि यहां से भाग जाओ वर्ना तुम्हें उड़ा देंगे।
आपराधिक छवि का है रामू तिवारी : धीरेंद्र ने बताया गया है कि रामू तिवारी आपराधिक छवि का है और उसके खिलाफ नौतन थाने में रंगदारी और अन्य आपराधिक मामले दर्ज हैं। यही नहीं, जिले की पुलिस प्रशासन को भी रामू तिवारी की आपराधिक गतिविधियों की जानकारी है।
सीवान में रहते हैं धीरेंद्र : धीरेंद्र ने बताया कि मेरा परिवार सीवान शहर में रहता है। यहां से गांव करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर है। मुझे आशंका है कि रामू तिवारी या उसके भतीजा प्रशांत तिवारी मेरे या मेरे परिवार के किसी भी सदस्य के साथ आपराधिक साजिश कर सकते हैं।
हैरान करने वाला है पुलिस का रवैया : मामले में नौतन थाना का रवैया हैरान करने वाला है। हैरानी इसलिए भी है क्योंकि थाना प्रभारी अब भी एफआईआर करने से मना कर रहे हैं। बहरहाल, देखना अहम है कि पुलिस मामले में आगे क्या कार्रवाई करती है।
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