दुमका : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर वृक्षारोपण कार्यक्रम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 5 जून 2018

दुमका : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर वृक्षारोपण कार्यक्रम

मौसम की अनियमितता दूषित पर्यावरण का दुष्परिणाम।  पालिथीन का प्रयोग पर्यावरण व स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक।  पर्यावरण को स्वच्छ रखना सामूहिक जिम्मेवारी। पर्यावरण के प्रति न चेते तो भावी पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी। 
tree-planting-dumka
दुमका (अमरेन्द्र सुमन) विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विद्यालय प्रधान अशोक कुमार के नेतृत्व में विद्यालय में व्यापक साफ-सफाई तथा वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया गया अवसर पर बच्चों को संबोधित करते हुए श्री कुमार ने कहा की मौसम में होने वाला अनियमित परिवर्तन जिसके कारण कभी जोड़ों का आंधी तूफान आता है तो कहीं बादल फटने की घटना होती है ।इन सब के पीछे पर्यावरण का दूषित होना ही प्रमुख कारण है ।आज अनियमित दिनचर्या के कारण हम प्रतिदिन लाखो टन कार्बन डाइऑक्साइड एवं अन्य विषैली क्लोरोफ्लोरो कार्बन जैसी गैस पर्यावरण में छोड़ते हैं , जिसके कारण न सिर्फ हमारा पृथ्वी का सुरक्षा कवच ओजोन लेयर टूटा है बल्कि ग्रीन हाउस इफेक्ट के कारण दिनानुदिन हमारे पृथ्वी का तापमान बढ़ता जा रहा है।इसके कारण विभिन्न प्रकार की पर्यावरण आपदा के साथ साथ विभिन्न प्रकार की बीमारियां पनप रही है। अवसर पर संबोधित करते हुए विद्यालय के शिक्षक मदन कुमार ने पॉलीथिन के प्रयोग को पर्यावरण के लिए बेहद घातक बताया । कहां की पॉलिथीन एक प्रकार का बहुलक है जो विभिन्न प्रकार के तत्वों से मिलकर बना होता है लाखों लाख वर्ष तक पर्यावरण में रहने के बावजूद भी इसका विघटन नहीं हो पाता इसके प्रयोग के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियों के साथ साथ मृदा प्रदूषण तथा भौम जलस्तर भी कम हुआ है। भोजन के साथ खा लेने के कारण कई पशु पक्षी भी  असमय काल कलवित हो रहे हैं। अवसर पर अपने संबोधन में विद्यालय के शिक्षक प्रकाश कुमार ने कहा कि पूरे विश्व में आज ही के दिन विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य लक्ष्य पर्यावरण संरक्षण एवं उसकी सुरक्षा के प्रति व्यक्ति को जागरूक करना है ।पहली बार भारत में 1974 में आज ही के दिन पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया था।उसी समय से प्रतिवर्ष आज के दिन हम पर्यावरण दिवस मनाते हैं। इसके अंतर्गत वृक्षारोपण एवं पर्यावरण को सुरक्षित रखने के प्रति व्यक्ति को जागरुक करते हैं। अवसर पर बच्चों को संबोधित करते हुए विद्यालय के सहायक अरविंदो सिन्हा ने कहा कि आज पर्यावरण का प्रदूषण बेहद गंभीर समस्या बन चुकी है। आज भी यदि हम न चेते तो आने वाली पीढ़ी का जीना बेहद कठिन हो जाएगा ,जो कभी भी हमें माफ नहीं करेगी।  अवसर पर विद्यालय के कई छात्र छात्राएं  मौजूद थे ।

कोई टिप्पणी नहीं: